भारत के सख्‍त रुख के बाद ड्रैगन की गुजारिश, US-चीन विवाद से दूर रहें

भारत के सख्‍त रुख के बाद ड्रैगन की गुजारिश, US-चीन विवाद से दूर रहेंबीजिंग: पिछले दिनों लद्दाख में भारत के सख्‍त रुख के बाद नरम रुख अख्तियार करने वाले चीन ने अब भारत से गुजारिश की है कि वह अमेरिका-चीन विवाद से दूर रहें. कोरोना वायरस सहित विभिन्न मुद्दों पर अमेरिका के साथ बढ़ते टकराव के बीच चीन ने भारत को इससे दूर रहने की सलाह दी है. बीजिंग का कहना है कि नई दिल्ली को चीन-अमेरिका विवाद में शामिल नहीं होना चाहिए. उसकी तरफ से कहा गया है कि भारत को नए शीत युद्ध में चीन पर हमला करने वाला अमेरिकी मोहरा नहीं बनना चाहिए, अन्यथा उसे COVID-19 महामारी के बीच बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान उठाने पड़ेंगे. 

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली के टेबलायड न्यूज़पेपर ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में कहा गया है, ‘भारत में इस वक्त राष्ट्रवादी भावनाएं उफान पर हैं. ऐसी आवाजें भी उठ रहीं हैं कि उसे इस नए शीत युद्ध में शामिल होना चाहिए और अपनी स्थिति का फायदा उठाकर अधिक लाभ कमाना चाहिए. लेकिन ये विवेकहीन बातें केवल भ्रम पैदा करने के लिए हैं और भारत सकरार को इन पर ध्यान नहीं देना चाहिए’. लेख में आगे कहा गया है, ‘हकीकत यह है भारत को चीन-अमेरिका विवाद में उलझने से केवल नुकसान उठाना पड़ेगा. लिहाजा यह ज़रूरी है कि मोदी सरकार इस नए भू-राजनीतिक विवाद का सामना निष्पक्ष और तर्कसंगत रूप से करे’.

लेख में हुए कहा गया है कि मौजूदा परिस्थितियों में भारत को चीन के साथ अपने संबंधों में किसी भी समस्या से निपटने में अमेरिकी कारक को शामिल नहीं करना चाहिए, अन्यथा बीजिंग और नई दिल्ली के बीच संबंध जटिल हो जाएंगे. 

हालिया चीन-भारत सीमा तनाव के संदर्भ में लेख में कहा गया है कि इस मुद्दे में अमेरिकी मध्यस्थता की पेशकश अनावश्यक है और भारत-चीन अपनी समस्याओं को शांति से हल करने में सक्षम हैं. इस मामले में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है. लेख आगे कहता है, ‘अगर इस नए शीत युद्ध में भारत अमेरिका की ओर झुक जाता है या चीन पर हमला करने वाला अमेरिकी मोहरा बनता है, तो दो एशियाई पड़ोसियों के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को एक विनाशकारी झटका लगेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ेगा’.

चीनी अख़बार में प्रकाशित इस लेख में भारत सरकार के लॉकडाउन खत्म करने के फैसले का भी उल्लेख है. लेख में कहा गया है कि भारत को अभी कोरोना पर नियंत्रण करना है, लेकिन इसके बावजूद लॉकडाउन समाप्त करने का निर्णय सही है, क्योंकि लॉकडाउन से उसकी अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई है. 

Bureau Report

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