नईदिल्ली: 21 जून को दुनिया 2020 का पहला सूर्य ग्रहण देखने जा रही है. जब पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है तो चंद्रमा पूर्ण रूप से सूर्य को ढक लेता है, जबकि आंशिक और कुंडलाकार ग्रहण में सूर्य का केवल एक हिस्सा ही छिपता है. 21 जून को लगने वाला ग्रहण कुंडलाकार ग्रहण होगा जिसमें सूर्य वलयाकार दिखाई देगा. ऐसी स्थिति में जब ग्रहण चरम पर होता है तो सूर्य किसी चमकते हुए कंगन, या अंगूठी की तरह नजर आता है.
ये ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण से अलग होता है. यह मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो, इथियोपिया, पाकिस्तान, भारत और चीन सहित अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. इस सूर्य ग्रहण को भारत में आराम से देखा जा सकता है. इस सूर्य ग्रहण का नजारा 25 साल पहले अक्टूबर 1995 में लगे ग्रहण की तरह ही होने वाला है, जब दिन में भी अंधेरा हो गया था.
भारत में सूर्य ग्रहण का समय-
सूर्य ग्रहण का सूतक काल 20 जून रात 10:20 से शुरू हो जाएगा.
आंशिक ग्रहण शुरू होगा – 21 जून, सुबह 9 बजकर15 मिनट पर
पूर्ण ग्रहण का समय – 21 जून, सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर
अधिकतम ग्रहण रहेगा- 21 जून दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक
पूर्ण ग्रहण समाप्त होगा- 21 जून दोपहर 2 बजकर 2 मिनट पर
आंशिक ग्रहण समाप्त होगा- 21 जून, दोपहर 3 बजकर 4 मिनट पर
आमतौर पर, सूर्य ग्रहण हमेशा चंद्र ग्रहण से दो सप्ताह पहले या बाद में होता है. अक्सर एक ही पंक्ति में दो ग्रहण होते हैं, कई बार तीन भी हो सकते हैं. इस साल दो चंद्र ग्रहण पहले ही देखे जा चुके हैं- पहला 10 जनवरी को और दूसरा 5 जून को.
सूर्य ग्रहण में क्या करें, क्या न करें
किसी भी तरह के ग्रहण के दौरान, कुछ काम करने चाहिए, कुछ नहीं. ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि इससे आंख को नुकसान हो सकता है. ग्रहण देखने के दूरबीन, टेलिस्कोप या सही फिल्टर के साथ ऑप्टिकल कैमरे का उपयोग करना चाहिए. इसे देखने के लिए आम दूरबीन या टेलिस्कोप का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
बता दें कि सूर्य और चंद्र ग्रहण मिलाकर इस साल कुल 6 ग्रहण का योग है. जिसमें दो हो चुके हैं, तीसरा 21 जून को होगा. चौथा, चंद्र ग्रहण 5 जुलाई को होगा. पांचवा, चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को होगा, जो साल का तीसरा चंद्र ग्रहण होगा. और छठा ग्रहण होगा 14 दिसंबर को, जो साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण होगा.
Bureau Report
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