मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच की फेक सोशल मीडिया फॉलोअर्स स्कैम की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही है, इसके खुलासे बेहद चौंकाने वाले सामने आ रहे हैं. जांच का सबसे बड़ा चौंकाने वाला पहलू है कि बॉलीवुड सेलिब्रिटी दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा जोनास के साथ 10 सेलिब्रिटीज के नाम फेक फॉलोवर्स की लिस्ट में शामिल हैं. इन फेक फॉलोवर्स को इंस्टाग्राम की भाषा मे “Bots” कहा जाता है. अब मुंबई पुलिस जल्द ही इन तमाम सेलिब्रिटीज से पूछताछ कर सकती है. आने वाले हफ्ते से ये पूछताछ शुरू होगी, जिसमें क्राइम ब्रांच के सोर्सेज के मुताबिक करीब 100 से 150 लोगों का स्टेटमेंट लिया जाएगा.
स्टेटमेंट लेते वक्त पुलिस इन तमाम सेलिब्रिटीज से उन्हें फॉलो कर रहे फॉलोवर्स के नंबर को प्रूफ करने के लिए कहेगी. यानी सेलिब्रिटी को साबित करना होगा कि उसके फॉलोअर्स पूरी तरह से Genuine हैं ना कि उन्होंने इन्हें किसी कंपनी से खरीदा है. अभी तक इस मामले में 18 लोगों से पूछताछ की गई है जिनमें से लगभग सभी बॉलीवुड या टेलीविजन इंडस्ट्री से आते हैं. इनमे डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, एक्टर, एक्ट्रेसेस के अलावा मेकअप आर्टिस्ट, कोरियोग्राफर, अस्सिटेंट डायरेक्टर जैसे लोग भी शामिल हैं. ये सभी बॉलीवुड के सेकंड ग्रेड सेलिब्रिटीज हैं. इसके साथ मुंबई क्राइम ब्रांच ने फ्रांस सरकार को एक लेटर लिखा है जिसमें followerscart.com से जुड़े मुख्य लोग जो फ्रांस में रह रहे हैं, के बारे में जानकारी मांगी है.
आपको बता दें अभी तक क्राइम ब्रांच ने करीब 68 ऐसी कंपनियों को आइडेंटिफाई किया है जो इस तरह से फेक सोशल मीडिया फॉलोवर्स का रैकेट चला रही हैं. पुलिस ने पहले ही अभिषेक नाम के एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया था और पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक और शख्स को उन्होंने आइडेंटिफाई कर पूछताछ की है. अब पुलिस कोएना मित्रा के मामले को भी इसी फेक सोशल मीडिया फॉलोअर्स सकैम के अंतर्गत ही छानबीन करने वाली है. इसमें पुलिस ने साहिल खान नाम के शख्स को आईडेंटिफाई किया है.
क्राइम ब्रांच के मुताबिक ये पूरा सिस्टम “Cost per Post” पर चलता है. यानी हर सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर का एक तय रेट होता है, जिसके ज्यादा फॉलोअर्स होते हैं, उसे किसी भी ब्रांड से जुड़ी सोशल मीडिया पोस्ट डालने के हिसाब से उतने ही ज्यादा पैसे मिलते हैं. इसीलिए कई बॉलीवुड और टेलीविजन से जुड़ी हस्तियां इस तरह की कंपनियों से फेक सोशल मीडिया फॉलोवर्स के लिए डील करती हैं. इसकी मुख्य वजह इंटरनेट पर ‘डिजिटल फुट प्रिंट’ का मौजूद होना होता है. इन डिजिटल फुटप्रिंट के ज़रिए किसी भी एडवरटाइजर को ये पता चलता है की कौन से सेलिब्रिटी के सोशल मीडिया पर कौनसी पोस्ट पर कितने लाइक्स आए, कितने फॉलोअर्स हैं, किस age ग्रुप के हैं. इसी हिसाब से फिर कंपनियां या बड़े ब्रांड्स इन पर पैसे खर्च करते हैं. क्राइम ब्रांच को पूरा यकीन है कि तमाम सोशल मीडिया नेटवर्किंग कंपनियों की सुरक्षा में ब्रीच हुआ है. और अब ये भी क्राइम ब्रांच की जांच के दायरे में आ गई है.
Bureau Report
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