अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ी खबर आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर की नींव 15 फीट गहरी होगी. राम मंदिर की नींव में 8 लेयर होंगे. 2-2 फीट की एक लेयर होगी. नींव का प्लेटफॉर्म तैयार करने में कंक्रीट, मोरंग का इस्तेमाल होगा. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राम मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा. भूतल मिलाकर राम मंदिर तीन मंजिल का होगा. भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल
नए मॉडल के मुताबिक राम मंदिर 10 एकड़ में बनेगा. शेष 57 एकड़ को राम मंदिर परिसर के तौर पर विकसित किया जाएगा. राम मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका बनाई जाएगी, 27 नक्षत्र के वृक्ष लगाए जाएंगे. नक्षत्र वाटिका का बनाने का मकसद है कि अपने अपने जन्मदिन पर लोग अपने नक्षत्र के हिसाब से पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगा सकें और राम मंदिर परिसर में पूजा अर्चना कर सकें. राम मंदिर परिसर में बाल्मीकि रामायण में वर्णित वृक्षों को भी लगाया जाएगा और इनका नाम भी बाल्मीकि रामायण के आधार पर ही रखा जाएगा.
शेषावतार मंदिर की अस्थाई स्थापना राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद की जाएगी. राम मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद राम मंदिर परिसर में स्थाई तौर पर शेषावतार मंदिर बनेगा. राम मंदिर में परिसर में रामकथा कुंज पार्क भी बनेगा जो भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित होगा. राम मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान मिले अवशेषों का संग्रहालय भी बनाया जाएगा.
गोशाला, धर्मशाला, अन्य मंदिर बनाए जाएंगे. राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए ताम्रपत्र तैयार कराया जा रहा है. ताम्रपत्र पर संस्कृत भाषा में राम मंदिर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी लिखी होगी. ताम्रपत्र पर मंदिर का नाम, स्थान, नक्षत्र, समय लिखा होगा, जिसे नींव में रखा जाएगा. सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों की मिट्टी और नदियों के जल से भूमि पूजन किया जाएगा. राम मंदिर में परिसर में 2 परिक्रमा केन्द्र भी बनाए जाएंगे. पहली परिक्रमा गर्भगृह की होगी और दूसरी परिक्रमा राम मंदिर की होगी.
Bureau Report
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