नईदिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद कमजोर लग रहा किसान आंदोलन एक बार फिर तेज होने लगा है. कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर किसान जमा होने लगे हैं और कई राजनीतिक दलों ने किसानों का समर्थन किया है.
पढ़ें- किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) का अपडेट…
– दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और आप विधायक राघव चड्डा सिंघु बॉर्डर पहुंचे, जहां कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. सत्येंद्र जान ने कहा, ‘दिल्ली सरकार द्वारा किए गए पानी और शौचालय की व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिए हम यहां पहुंचे हैं. पुलिस ने पानी के टैंकरों की आवाजाही रोक दी थी, जिससे यहां पानी नहीं पहुंच रहा था.’
– राकेश टिकैट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केंजरीवाल से पानी, बिजली, स्वास्थ्य और राशन उपलब्ध कराने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार से अपील है कि किसानों को आंदोलन स्थल पर पानी, बिजली, स्वास्थ्य, राशन की व्यवस्था करें.
– दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, गाजीपुर बॉर्डर बंद है और एनएच 24, एनएच 9, रोड नंबर 56, 57 ए, कोंडली, पेपर मार्केट, टेल्को टी पॉइंट, ईडीएम मॉल, अक्षरधाम और निजामुद्दीन खट्टा से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया. इन रूट्स पर भार ट्रैफिक है.
– सिंघु, औचंदी, मंगेश, सबोली, पियाउ मनियारी सीमाएं बंद है और लामपुर, सफियाबाद, सिंघु स्कूल और पल्ला टोल सीमाओं पर ट्रैफिक चालू है, जबकि DSIDC नरेला के पास NH44 से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों कहा कि बाहरी रिंग रोड, GTK रोड और NH 44 पर जाने से बचें.
राकेश टिकैत को गिरफ्तार किए बिना लौटी पुलिस
गाजियाबाद प्रशासन ने किसान नेताओं को आधी रात तक धरना खत्म करने का अल्टीमेटम दिया था और किसान बॉर्डर खाली करने की तैयारी में लगे थे, लेकिन बाद में राकेश टिकैत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आंसू छलकाते हुए किसानों से भावुक अपील की और माहौल बदल गया. इसके बाद पुलिस फोर्स को देर रात बैरंग वापस लौटना पड़ा.
देर रात गाजीपुर बॉर्डर पर जमा हुए किसान
राकेश टिकैत कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी रखने पर अड़ गए और कहा कि मांगें पूरी नहीं हुई तो यहीं खुदकुशी कर लूंगा. उनकी अपील के बाद आधी रात को पश्चिमी यूपी के किसान गाजीपुर बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे और रात में ही भीड़ जुटने लगी.
प्रदर्शनकारियों ने लाल क़िले पर फहराया था अपना झंडा
बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन आंदोलनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल क़िले तक पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया, जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री भारत का तिरंगा फहराते हैं. लाल क़िले में घुसे प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया और टिकट काउंटर के अलावा कई स्थानों पर तोड़फोड़ की. पुलिस ने रात करीब साढ़े 10 बजे तक प्रदर्शनकारियों से लाल क़िला को खाली कराया और धार्मिक झंडे को भी हटा दिया. हजारों प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पुलिस से भिड़े, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.
Bureau Report
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