Farmers Protest: Government के Proposal से किसान नेता खुश, हो सकती है सुलह

Farmers Protest: Government के Proposal से किसान नेता खुश, हो सकती है सुलहदिल्ली: कृषि कानूनों से नाराज किसान तकरीबन 2 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच सरकार से कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है लेकिन पहली बार किसानों और सरकार में सुलह होती नजर आ रही है. बुधवार को हुई वार्ता में कोई फाइनल नतीजा तो नहीं निकला लेकिन सरकार के प्रस्ताव से किसान नेता खुश नजर आए. किसान नेताओं ने कहा है कि वो किसान भाइयों से चर्चा करके अपना फैसला 22 जनवरी की बैठक में सुनाएंगे.

सरकार के प्रस्ताव से खुश हैं किसान

सरकार और किसानों में अब तक 11 बार बातचीत हो चुकी है लेकिन पहली बार सरकार के प्रस्ताव से किसान नेता खुश हैं. अभी तक की सभी बैठकों में शिरकत करने वाले किसान नेता शिवकुमार कक्का ने सरकार के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है और कहा है कि उन्हें कमेटी पर तो भरोसा नहीं है लेकिन सरकार ने कानूनों को फिलहाल स्थगित करने का जो प्रस्ताव रखा है, वो भरोसे के लायक है. हम सभी किसान नेता इस फैसले पर विचार करेंगे और 22 जनवरी की बैठक में फैसला सुनाएंगे. किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा है कि सरकार ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट दाखिल किया जाएगा जिसमें कानूनों को 18 महीनों के लिए स्थगित करने की बात सुप्रीम कोर्ट को बताई जाएगी. सरकार का ये प्रस्ताव विचार करने के लायक है. ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव ने भी सरकार के इस प्रस्ताव का खुले दिल से स्वागत किया है.

सरकार के प्रस्ताव में क्या है

बुधवार को 11वें दौर की बातचीत में सरकार ने किसानों के सामने फिलहाल कानूनों को कुछ समय के लिए स्थगित करने की बात कही है. सरकार ने किसानों के सामने प्रस्ताव रखा है कि किसानों और सरकार की एक संयुक्त समिति बना दी जाए और जब तक समिति किसी फैसले पर नहीं पहुंचेगी तब तक तीनों कानूनों को लागू नहीं किया जाएगा. कमेटी को रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का वक्त दिया जाएगा.

Bureau Report

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