जेरुसलम: भारत और इजरायल ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली का कामयाब परीक्षण किया है. दुश्मन देशों के हवाई हमले से निपटने के लिए संयुक्त रूप से विकसित हुए इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम का परीक्षण पिछले हफ्ते हुआ. डीआरडीओ (DRDO) और इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) की नई ईजाद अपने आप में अनूठी है. जिससे पार पाना किसी के बस की बात नहीं होगी.
इंडो-इजरायल रक्षा सहयोग का नतीजा है MRSAM
MRSAM एक ऐसा एयर और मिसाइल डिफेंस सिस्टम है जो विभिन्न प्रकार के एरियल प्लेटफार्म्स को अभेद सुरक्षा कवच प्रदान करता है. रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक MRSAM दुश्मन के विमानों को खुद से 50 से 70 Km की दूरी पर तबाह कर सकता है. इजरायल और भारत की साझेदारी में विकसित, MRSAM का उपयोग भारतीय सेना के तीनों विंग्स में होगा. इजरायल के सुरक्षा बल भी इसका इस्तेमाल करेंगे. इसमें मौजूद हाईटेक रडार, मोबाइल लॉन्चर, इंटरसेप्टर, एडवांस आरएफ सीकर नई तकनीक से बना है. डिफेंस सिस्टम की कमांड और नियंत्रण प्रणाली भी बेहतरीन है.
डीआरडीओ के साथ काम करना गर्व की बात: IAI
इजरायल की रक्षा कंपनी IAI के सीईओ बोज लेवी के मुताबिक कोरोना काल की चुनौतियों के बीच तैयार हुआ ये MRSAM (Air & Missile Defense System) डिफेंस सिस्टम आज के दौर की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. लेवी ने कहा, ‘ ट्रायल में मिली ये कामयाबी बेहद महत्वपूर्ण है. वहीं डीआरडीओ के साथ काम करना हमारे लिए गर्व की बात है. कामयाबी के इस रास्ते पर हम आगे भी साथ चलने पर प्रतिबद्ध हैं.
इजरायल के रक्षा उत्पादों की दीवानी है दुनिया
इजरायली रक्षा उद्योग की ओर से आई प्रतिक्रिया के मुताबिक, ‘ हमारे एक्सपर्ट्स और भारतीय वैज्ञानिकों की मौजूदगी में हुआ परीक्षण कामयाब रहा. इस दौरान हमने उड़ान परीक्षण के विभिन्न संदर्भों का बारीक आंकलन किया. जो हर मानक पर कामयाब रहा. इजरायल के सहयोग से बने और भारत के सुरक्षा बेड़े में इस ब्रह्मास्त्र का वार अचूक है. इस नए रक्षा कवच को नापाक हरकतों को अंजाम देने वाले दुश्मनों के लिए एक झटका माना जा रहा है.
Bureau Report
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