नईदिल्ली: सफलता उम्र की मोहताज नहीं नहीं होती. मध्य प्रदेश की तनिष्का ने ऐसा ही कमाल कर दिखाया है. इंदौर की तनिष्का डीएवीवी में 13 साल की उम्र में बीए में ऐडमिशन लेने वाली वाली छात्रा बन गई हैं. वह 11 साल की उम्र में 10वीं पास कर चुकी हैं और 12 साल की उम्र में 12वीं पास कर एशिया बुक ऑफ अवार्ड का सम्मान भी अपने नाम कर ली हैं.
कोरोना से हुई थी पिता की मौत
तनिष्का को यूनिवर्सिटी के तक्षशिला परिसर के स्कूल ऑफ लाइफ लॉन्ग लर्निंग में बीए सायकोलॉजी में एडमिशन मिला है. वह अपनी मां अनुभा के साथ रहती हैं. बता दें कि कुछ समय पहले ही उनके पिता का कोरोना से निधन हो गया है. कुलपति और उच्च शिक्षा विभाग की विशेष अनुमति से एडमिशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
आंखों पर पट्टी बांध कर लिख सकती हैं तनिष्का
आपको बता दें कि तनिष्का आंख पर पट्टी बांधकर लिख और पढ़ सकती हैं. उनके इस गुण को देखते हुए उन्हें असामान्य छात्रा का दर्जा भी मिल चुका है. तनिष्का ढाई साल की उम्र से पढ़ रही हैं. 8 साल तक की उम्र में 5वीं तक पढ़ाई की है. इसके बाद होम स्कूलिंग शुरू की.
11 साल कि उम्र में 10 वीं पास
11 साल की उम्र में विशेष परमिशन लेकर तनिष्का ने मालवा कन्या स्कूल में 10वीं में प्राइवेट फॉर्म भरकर फर्स्ट क्लास से पास हुईं. इसके बाद 12वीं भी प्राइवेट फॉर्म भरकर ही फर्स्ट क्लास पास की. उसके बाद स्थानीय सांसद शंकर लालवानी की विशेष मदद के बाद शासन की विशेष अनुमति लेकर उसे डीएवीवी में एडमिशन लिया.
पिता का सपना था कि अच्छा करे
तनिष्का कहती है कि उनके पिता का सपना था कि वह कुछ बेहतर करें. लेकिन, कुछ दिन पहले ही पिता की कोरोना से मौत हो गई. अब उनके सपने को पूरा करने के लिए वह लगातार काम करती रही हैं. वह बीए एलएलबी करना चाहती थीं. लेकिन, उसकी मंजूरी नहीं मिली. उन्हें बीए में एडमिशन मिला है.
Bureau Report
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