नईदिल्ली: एक तरफ किसान आंदोलन की आड़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करने की साजिश की जा रही है वहीं अमेरिका ने पहली बार इस मसले पर चुप्पी तोड़ी है. जो बाइडेन प्रशासन ने भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में रिफॉर्म के लिए किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की है. साथ ही अमेरिका ने किसानों और सरकार के बीच चले आ रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए भी सुझाव दिया है.
क्या कहना है अमेरिका का
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है, ‘कृषि क्षेत्र की बेहतरी की दिशा में लिए गए हर फैसला का स्वागत किया जाना चाहिए. प्राइवेट सेक्टर की इसमें सहभागिता बढ़ाने के प्रयासों की भी सराहना करनी चाहिए. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि शांतिपूर्ण तरीके से किया जाने वाला आंदोलन लोकतंत्र का हिस्सा है. किसानों और सरकार के बीच किसी तरह का मतभेद है तो दोनों पक्षों को बैठकर वार्ता मसला हल करना चाहिए.’
इंटरनेट सेवा बहाल हो
26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर किसान आंदोलन के नाम पर ट्रैक्टर रैली में हुए बवाल के बाद कानून व्यवस्था की स्थित देखते हुए दिल्ली के टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर इलाके में इंटरनेट बंद किया गया है. इसके अलावा हरियाणा के कुछ जिलों में भी इंटरनेट सेवा बाधित है. इस पर अमेरिका ने कहा कि इंटरनेट सेवा बहाल कर देनी चाहिए. किसी भी जानकारी को लोगों तक पहुंचाने के लिए इंटरनेट एक माध्यम है जो कि एक अच्छे लोकतंत्र का हिसा है.
ये है साजिश का सबूत
बता दें, नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन की आड़ में भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है. पॉप स्टार रिआना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग का ट्वीट किसान आंदोलन को लेकर किस तरह देश को बदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय मुहिम चलाई जा रही है इसका बड़ा उदाहरण है. इसके बाद सवाल उठे कि अमेरिकी पॉप स्टार रिआना , क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग , मिया खलीफा जैसे लोगों का किसान आंदोलन से क्या नाता है? भारत के बाद अमेरिका का जवाब ऐसे लोगों के मुंह पर तमाचा है.
भारत की सख्त चेतावनी
भारत ने बदनाम करने की साजिश पर चेतावनी दे दी है. पॉप स्टार रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग जैसी हस्तियों को विदेश मंत्रालय ने सख्त जवाब देते हुए भारत ने साफ कहा, सोशल मीडिया पर अफवाह न फैलाएं. दूसरी तरफ ब्लॉक ट्विटर अकाउंट दोबारा शुरू करने पर भी केंद्र सरकार ने ट्विटर को नोटिस भेजा है. आदेश न मानने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. नोटिस में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला है.
Bureau Report
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