बीजिंग: चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले साल हुई हिंसा में 4 सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार करने पर तीन चीनी ब्लॉगर्स ने सवाल उठाए हैं. इसके बाद चीन ने कार्रवाई करते हुए तीनों को गिरफ्तार कर लिया है. एक पूर्व पत्रकार समेत तीन ब्लॉगर्स ने कहा है कि इस संघर्ष में 4 से ज्यादा चीनी सैनिक मारे गए थे, लेकिन चीनी सरकार बता नहीं रही है.
‘ऐलान करने में 8 महीने क्यों लगा दिया?’
चीन सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए ब्लॉगर्स ने पूछा कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों के बारे में ऐलान करने में उन्होंने 8 महीने का समय क्यों लगा दिया, जबकि चीन के विपरीत भारत ने तत्काल अपने शहीद सैनिकों के बारे में ऐलान कर दिया था.
चीन सरकार ने किया ब्लॉगर्स को गिरफ्तार
चीन के दावे पर सवाल उठाने के बाद तीनों ब्लॉगर्स को गिरफ्तार कर लिया गया है. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, जिन ब्लॉगर्स को गिरफ्तार किया गया है, उनमें एक खोजी पत्रकार और द इकॉनामिक ऑब्जर्बर के पूर्व जर्नलिस्ट क्यू जिमिंग भी शामिल हैं. चीन ने ऐलान किया है कि ब्लॉगर्स ने गलवान घाटी में मारे गए चीनी सैनिकों का अपमान किया था, जिसके बाद इन्हें गिरफ्तार किया गया है.
‘मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या है ज्यादा’
पूर्व जर्नलिस्ट क्यू जिमिंग ने कहा था कि गलवान घाटी में मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या ज्यादा है, क्योंकि आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक कुछ सैनिकों की दूसरे सैनिकों की मदद देने के लिए आने के दौरान मौत हो गई थी.
20 भारतीय जवान हुए थे शहीद
बता दें कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवाद पिछले साल मई में शुरू हुआ था, जब चीन ने लद्दाख के अक्साई चिन की गलवान घाटी में भारत की ओर से सड़क निर्माण को लेकर आपत्ति जताई थी. 5 मई को भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद सैन्य गतिरोध पैदा हो गया. इसके बाद चीनी सैनिक 9 मई को सिक्किम के नाथू ला में भी भारतीय सैनिकों के साथ उलझ गए थे, जिसमें कई सैनिकों को चोटें आई थीं. इसके बाद 15 जून को भी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे.
मारे गए सैनिकों की बात छिपाता रहा है चीन
चीन ने पहली बार गलवान घाटी में अपने सैनिकों और अधिकारियों की मौत की बात कबूल की है. अब तक वह गलवान में घायल हुए और मरने वाले सैनिकों की संख्या छिपाता रहा था. चीनी सेना के ऑफिशियल न्यूज पेपर PLA डेली के मुताबिक, सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने इन सैनिकों को हीरो का दर्जा दिया है. इनमें शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फेबाओ को हीरो रेजिमेंटल कमांडर फॉर डिफेंडिंग द बॉर्डर, चेन होंगजुन को हीरो टु डिफेंड द बॉर्डर और चेन जियानग्रॉन्ग, जियाओ सियुआन और वांग जुओरन को फर्स्ट क्लास मेरिट का दर्जा दिया गया है.
Bureau Report
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