नईदिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन से जुड़े तत्वों ने एक ऐसा खतरनाक वायरस तैयार किया है, जो आपके फोन में घुसकर सभी जरूरी डेटा को लॉक कर देगा. साइबर एक्सपर्ट्स की रिसर्च में यह दावा किया गया है. हैकरों का कहना है कि अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं हुए तो महत्वपूर्ण डेटा भी कभी वापस नहीं होगा.
आम लोगों के फोन पर कब्जा का प्लान
किसानों द्वारा 109 दिनों से ज्यादा से कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं को बंधक बनाने के बाद अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि आम भारतीयों के मोबाइल और लैपटॉप की जरूरी फाइल्स को बंधक बनाने की साजिश चल रही है. साइबर सिक्योरिटी कंपनी साइबल और एंटी वायरस कंपनी क्विक हील ने रिसर्च रिपोर्ट जारी करके दावा किया कि किसान आंदोलन से जुड़े तत्व आम भारतीयों के फोन को बंधक बनाने की साजिश रच रहें हैं.
रैंसमवेयर के जरिए हैक हो जाएगा फोन
अपनी रिसर्च रिपोर्ट में साइबल सिक्योरिडीज और क्विक हील एंटीवायरस ने दावा किया की भारत मे 100 दिनों से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन से जुड़े कुछ हैकर्स ने (सर्बलोह) नाम का रैंसमवेयर बनाया है, जो आपके फोन में घुस कर आपके सारे डेटा जैसे- ऑडियो, वीडियो, पीडीएफ फाइल्स जैसे जरूरी दस्तावेजों को लॉक कर देता है.
फोन में कैसे घुसता है रैंसमवेयर
हैकर्स इस रैंसमवेयर को ईमेल लिंक के जरिए आपके फोन-लैपटॉप में भेजते हैं. मेल खोलने के बाद लिंक पर क्लिक करने के बाद रैंसमवेयर आपके फोन में घुस जाता है और सभी फाइल्स को लॉक कर देता है. आपके गैजेट में आया लिंक किसी ऐप को डाउनलोड करने का हो सकता है या फिर किसी डॉक्यूमेंट फाइल या वीडियो को भी डाउनलोड करने का भी लिंक हो सकता है.
कृषि कानून रद्द होने के बाद ही मिलेगी फाइल्स
रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि हैकर्स आपकी फाइल वापस करने के लिए किसी भी तरह के पैसे की मांग नहीं कर रहे हैं. हैकर्स अपने मैसेज में लिखते हैं कि ‘आपकी फाइल किसानों की किस्मत पर टिकी है. अगर सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले लेती है तो आपको आपकी सारी फाइल्स सही सलामत मिल जाएंगी, लेकिन अगर भारत सरकार तीनों बिलों को वापस नहीं लेती है तो आपको आपकी फाइल्स कभी भी वापस नहीं मिलेगी.’
किसान आंदोलन के समर्थन में दिखाता है मैसेज
इस रिसर्च को करने वाली ऑस्ट्रेलिया की साइबर सिक्योरिकी कंपनी साइबल के सीईओ बीनू अरोड़ा ने बताया कि 2 मार्च को साइबल के रिसर्चर्स ने इस सर्बलोह रैंसमवेय को एक फिशि कैंपेन के जरिए डिटेक्ट किया था. यह आम रैनसमवेयर की तरह नहीं था, क्योंकि जब किसी के फोन में या लैपटॉप में घुसता है तो ना सिर्फ फोन को लॉक कर देता है, बल्कि किसान आंदोलन के समर्थन में एक मैसेज भी दिखाता है.
हो सकता है दुश्मन देश का हाथ
इस पूरे प्रकरण पर साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे का कहना है कि सर्बलोह रैंसमवेयर बेहद ही खतरनाक है, क्योंकि ज्यादर रैंसमवेयर आपके फोन या लैपटॉप पर हमला करने के बाद पैसे की मांग करते हैं, लेकिन ये बिल्कुल ही अलग है. एक आम आदमी इस रैंसमवेयर को नहीं बना सकता. इसके पीछे जरूर भारत के दुश्मन देश की मदद भी शामिल है, जो पहले दिन से भारत मे चल रहे किसान आंदोलन को हवा दे रहें हैं. अमित दुबे के अनुसार सरकार को इसकी जल्द से जल्द जांच शुरू करके इसे और फैलने से रोकना चाहिए, क्योंकि ये आम भारतीयों की सुरक्षा के लिए एक बहुत ही बड़ा खतरा है.
Bureau Report
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