नई दिल्ली: पिछले दिनों लाइन ऑफ कंट्रोल यानी LoC पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के पीछे सबसे बड़ी वजह पाकिस्तान पर बढ़ता अंतरराष्ट्रीय दवाब है. पाकिस्तान के लिए अब खुले तौर पर आतंकियों की मदद करना अब आसान नहीं रहा है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ आतंकी साजिश बंद कर दी है.
कश्मीर-खालिस्तान पर पाकिस्तान की नई साजिश
ज़ी मीडिया को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए पाकिस्तान ने कश्मीर और खालिस्तान के नाम पर एक नई साजिश रचनी शुरू कर दी है. पाकिस्तान ने विदेश मंत्रालय में ‘Strategic Communication Division’ नाम से एक नया विंग बनाया है, जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘ISI’ ऑपरेट कर रही है.
भारत को बदनाम करने के लिए बनाया नया विंग
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, Strategic Communication Division के जरिए ISI ने कश्मीर और खालिस्तान पर नई रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इसके जरिए दुनिया को ये दिखाने की कोशिश की जा रही है कि पाकिस्तान कश्मीर पर शांति के जरिए बातचीत का पक्षधर है. जिससे दुनियाभर में अपनी खराब छवि को सुधारा जा सके और FATF की कार्रवाई से बचा जा सके. इसके अलावा चोरी-छिपे आतंकियों और खालिस्तानी गुटों के जरिए भारत पर आतंकी हमले किए जा सकें.
दिखने लगा है पाकिस्तान की साजिश का असर
पिछले साल सिंतबर में गठित Strategic Communication Division की कोशिशें रंग लाने लगी हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर पर हाल ही में दिए बयान में कहा कि अगर कश्मीर का मसला बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाता है तो दोनों देशों को इसका फायदा होगा. साथ ही अगर शांति होती है तो भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में गरीबी को दूर करने से लेकर बिजनेस बढ़ सकता है.
आर्मी जनरल बाजवा ने क्या कहा?
पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने भी इमरान खान के सुर में सुर मिलाते हुए इस्लामाबाद में हुए एक नेशनल सिक्योरिटी डायलॉग में कहा कि भारत और पाकिस्तान को अतीत को भुलाकर नए तरीके से बातचीत करने की जरूरत है. लेकिन साथ में उन्होंने ये भी कहा कि कश्मीर के मुद्दे को सुलझाए बगैर बातचीत सार्थक नहीं हो सकती.
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि पाकिस्तान अचानक शांति की बात क्यों करने लगा है और Strategic Communication Division के गठन के पीछे सबसे बड़ी वजह क्या है?
जब पीएम मोदी के बयान पर बौखलाई ISI
देखा जाए तो साल 2016 में लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Balochistan का नाम लिया था, जिससे ISI बौखला गई थी. जानकारों की मानें तो जिस तरह से प्रधानमंत्री ने Balochistan, Gilgit और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के लोगों के बारे में बात की थी, उसे भारत का कूटनीतिक स्तर पर एक बड़ा बदलाव माना गया था. यही नहीं उरी और पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया था.
सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में Strategic Communications Division की एक बैठक में ISI ने भारत को बदनाम करने के लिए कश्मीर के साथ-साथ नक्सल प्रभावित इलाकों और नार्थ ईस्ट में तैनात भारतीय सुरक्षाबलों के खिलाफ मानवाधिकार हनन के फर्जी मामलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की जरूरत बताई, जिसके जरिए भारत की बढ़ती साख को खराब किया जा सके.
ISI भारत में हो रहे किसानों के प्रदर्शन की आड़ में जहां एक तरफ खालिस्तानी गुटों की मदद कर रही है वहीं दूसरी तरफ दुनियाभर में फैले अपने दूतावासों की मदद से ये बात फैला रही है कि भारतीय सुरक्षाबल किसानों के साथ बहुत अमानवीय तरीके से पेश आ रहे हैं.
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