नईदिल्ली: यदि आपकी उम्र 18 साल या उससे अधिक है और आप कोरोना वैक्सीन लगवाना चाहते हैं तो आपके लिए जरूरी अपडेट आया है. कोविन चीफ आरएस शर्मा ने कहा है कि कोविन प्लेटफॉर्म पर 18 वर्ष के ऊपर के सभी लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन अगले 48 घंटे में शुरू हो जाएगा. यानी, 24 अप्रैल (शनिवार) से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोग भी कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
तेजी से बढ़ते कोरोना के ग्राफ के बाद बड़ा फैसला
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना के ग्राफ पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने 18 वर्ष के ऊपर सभी लोगों को 1 मई से कोरोना वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी. स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ ऑनलाइन मीटिंग करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह अहम फैसला लिया.
1 मई से शुरू होगा तीसरा चरण
पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले एक साल से सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि देश के ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जाए. इसलिए हमने अब वैक्सीनेशन प्रक्रिया में तेजी लाने का फैसला किया है. 1 मई से कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू होगा, और इस दिन से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोग भी कोरोना का टीका लगवा सकेंगे.’
वैक्सीनेशन में तेजी के लिए राज्यों को दी पावर
तीसरे चरण में वैक्सीन की कमी ना हो इसलिए टीकों की खरीदारी के नियमों में ढील दी गई है. इसके अलावा राज्यों को अब सीधे वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से अतिरिक्त खुराक लेने का अधिकार दे दिया गया है. इसके तहत वैक्सीन निर्माता कंपनी अब अपनी सप्लाई की कुल क्षमता के 50 प्रतिशत तक स्टॉक को पहले से घोषित कीमतों पर राज्य सरकारों और खुले बाजार में भेज सकेंगे.
कोरोना के खिलाफ ‘वैक्सीनेशन’ सबसे बड़ा हथियार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना से लड़ाई में वैक्सीनेशन को सबसे बड़ा हथियार बताया. उन्होंने कहा, ‘पिछले साल इसी समय डॉक्टरों की कड़ी मेहनत और देश की रणनीति की वजह से कोरोना संक्रमण के लहर पर काबू पाया जा सकता था. हाालांकि अब देश दूसरी लहर का सामना कर रहा है. ऐसे में सभी डॉक्टरों और फ्रंट लाइन पर तैनात कर्मी पूरी ताकत के साथ महामारी से मुकाबला कर रहे हैं और लाखों लोगों का जीवन बचा रहे हैं.’
कोरोना के इलाज के बारे में जागरूक हों लोग
इसके अलावा पीएम मोदी ने सभी डॉक्टरों से कोविड-19 के इलाज और इससे बचाव के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने और अफवाहों से बचाने का भी अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि इन मुश्किल परिस्थितियों में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि लोग आतंक के शिकार ना हों और समय रहते उन्हें सही इलाज मिल सके. साथ ही उन्होंने डॉक्टरों को अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए टेली-मेडिसीन का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया.
Bureau Report
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