नईदिल्ली: कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए देश के कई जिलों में लॉकडाउन लगाया जा सकता है. केंद्र सरकार ने इस संदर्भ में एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें राज्यों से कहा गया है कि अत्यधिक संवेदनशील जिलों में सख्त लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. हालांकि, केंद्र ने अत्यावश्यक सेवाओं को लॉकडाउन से छूट देने की बात भी कही है. बता दें कि देश में कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा होता जा रहा है.
यह लिखा है Proposal में
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रस्ताव में कहा है कि यदि जल्द ही संबंधित जिलों में लॉकडाउन नहीं लगाया गया, तो संक्रमण के मामले और तेजी से बढ़ सकते हैं. प्रस्ताव में ऐसे 150 जिलों में लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया गया है, जहां 15 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है. केंद्र ने कहा है कि इन जिलों में जरूरी सेवाओं में छूट देकर लॉकडाउन लगाना होगा, अन्यथा स्वास्थ्य प्रणाली पर बहुत ज्यादा बोझ बढ़ जाएगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक में इसकी सिफारिश की थी, हालांकि राज्य सरकारों से सलाह के बाद केंद्र आखिरी फैसला लेगा. इस प्रस्ताव को और संशोधित किया जा सकता है, लेकिन मंत्रालय का मानना है कि अभी केस लोड और पॉजिटिविटी रेट को नियंत्रित करना जरूरी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि बहुत अधिक पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों में अगले कुछ हफ्तों के लिए सख्त लॉकडाउन लगाना होगा, ताकि संक्रमण की चेन तोड़ी जा सके.
तुरंत Action लेने की सलाह
इससे पहले केंद्र सरकार ने रविवार को राज्यों से कहा था कि ऐसे जिलों में कहां पॉजिटिविटी रेट पिछले एक हफ्ते से 10% से अधिक है वहां सख्त लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए. साथ ही सरकार ने राज्यों को चेताया था कि मौजूदा संसाधनों से कोरोना की दूसरी लहर का मुकाबला नहीं किया जा सकता, इसमें निरंतर सुधार करना होगा. केंद्र का कहना है कि राज्यों ने COVID के प्रबंधन पर तत्काल काम करने की जरूरत है अन्यथा संक्रमण को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो जाएगा.
Bureau Report
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