ज्यूरिख: स्विट्जरलैंड में कुछ स्कूली बच्चों ने छुट्टी के लिए ऐसा ड्रामा रचा कि हड़कंप मच गया. आनन-फानन में स्कूल बंद करना पड़ा और कई स्टूडेंट्स एवं टीचरों को क्वारंटीन भी रहना पड़ा. दरअसल, ज्यूरिख के स्विस शहर बेसल स्थित किर्सगार्टन हाई स्कूल के तीन छात्रों ने खुद को कोरोना पॉजिटिव बताया, ताकि उन्हें स्कूल से छुट्टी मिल सके, तीनों ने स्विट्जरलैंड के COVID-19 ट्रेसिंग ऐप के जरिए अपनी फेक कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट बनाई और स्कूल को भेज दी, जिसके बाद स्कूल को बंद करना पड़ा.
10 दिन बंद रहा School
छात्रों की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट मिलते ही स्कूल प्रशासन सकते में आ गया. स्कूल को तुरंत 10 दिन के लिए बंद कर दिया गया और तीनों स्टूडेंट के संपर्क में आए लोगों ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया. ये घटना मार्च में स्प्रिंग ब्रेक से ठीक पहले हुई. इस घटना ने स्कूल के शिक्षकों को भी प्रभावित किया, साथ ही स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर भी इसका बुरा असर पड़ा है. अब जब यह साफ हो गया है कि बच्चों ने फर्जी रिपोर्ट तैयार की थी, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है.
‘बचकाना हरकत नहीं, Crime है’
बेसेल शिक्षा विभाग के प्रवक्ता साइमन थेरियट ने कहा कि यह कोई बचकाना हरकत नहीं बल्कि गंभीर मुद्दा है. इसके लिए स्टूडेंट को माफ नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि ये एक गंभीर अपराध है, जो तीनों स्टूडेंट ने मिल कर किया है. साइमन ने बताया कि इस घटना के चलते क्लास के 25 बच्चों को क्वारंटाइन करना पड़ा था, जिससे क्लास काफी प्रभावित हुई है.
School से नहीं निकाला जाएगा
शिक्षा विभाग संबंधित छात्रों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है. हालांकि, छात्रों को स्कूल से निकालने की कोई योजना नहीं है. साइमन थेरियट ने कहा, ‘कोरोना महामारी के चलते बच्चे काफी परेशान है, लेकिन इसका ये मतलब भी नहीं होना चाहिए कि वह स्कूल आने से बचने के लिए अपराध का सहारा लें. नकली स्वास्थ्य दस्तावेज तैयार करना अपराध है और इसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता.
Bureau Report
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