असम के Congress MLA ने अपनी ही पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- Rahul Gandhi नेतृत्व करने में असमर्थ

असम के Congress MLA ने अपनी ही पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- Rahul Gandhi नेतृत्व करने में असमर्थ

गुवाहाटी: कांग्रेस पार्टी में आंतरिक कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. राजस्थान और पंजाब के बाद अब असम में पार्टी के भीतर खटपट शुरू हो गई है. असम के कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी ने पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और इस्तीफा देने की बात कही है.

विधायक के निशाने पर राहुल गांधी

कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी ने कहा है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी आगे नहीं बढ़ पाएगी, क्योंकि वह नेतृत्व करने में समक्ष नहीं हैं.’ उन्होंने कहा. ‘मैं विधानसभा अध्यक्ष से मिलूंगा और अपना इस्तीफा दे दूंगा.’

युवाओं की नहीं सुनती आलाकामान: विधायक

रूपज्योति कुर्मी ने कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी में युवा नेताओं की बात नहीं सुनी जाती है और आलाकमान युवाओं की बजाय बुजुर्ग नेताओं को प्राथमिकता देता है. इसी वजह से सभी राज्यों में पार्टी की स्थिति खराब हो गई है.’

एआईयूडीएफ से गठबंधन पर उठाया सवाल

असम विधान सभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया था. रूपज्योति कुर्मी ने इस गठबंधन पर सवाल उठाया और कहा, ‘कांग्रेस के पास इस बार सत्ता में आने का अच्छा मौका था और हमें एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था. मैंने पहले ही कहा था कि यह एक गलती होगी और वास्तव में यही हुआ.’

पंजाब में सिद्धू के खिलाफ कैप्टन-बाजवा आए साथ

पंजाब कांग्रेस में जारी आंतरिक कलह के बीच कई सालों से राजनीतिक विरोधी रहे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा साथ आ गए हैं. इससे अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा झटका लगा है.

केरल कांग्रेस में भी जारी है खटपट

केरल कांग्रेस के एक वर्ग का कहना है कि हाईकमान की ओर से उन्हें नजरअंदाज करने और साइडलाइन किया जा रहा है. 2 मई को केरल विधान सभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद पार्टी हाईकमान ने एक्शन लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष ए. रामचंद्रन के अलावा विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला को पद से हटा दिया था. हाईकमान के एक्शन के बाद रमेश चेन्निथला के समर्थक भड़क गए और अब उन्होंने आरोप लगाया है कि भले ही उन्हें पद से हटाया गया है, लेकिन विदाई सम्मानजनक नहीं रही है. समर्थकों का कहना है कि उन्हें सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए अपॉइंटमेंट ही नहीं मिला.

Bureau Report

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