नई दिल्ली: नए आईटी नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध दिख रही है. इसी सिलसिले में लंबे समय से सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ट्विटर (Twitter) के साथ जारी विवाद के बीच इस बार केंद्र सरकार ने इस कंपनी को आखिरी चेतावनी दी है. सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद की अगुवाई में मंत्रालय के अहम अधिकारियों की बैठक में अहम चर्चा होने के बाद ट्विटर को ये चेतावनी जारी की गई.
आखिरी चेतावनी
केंद्र सरकार के मंत्रालय की ओर से जारी फाइनल नोटिस में कहा गया है कि नए आईटी नियमों के अनुपालन में विफल रहने पर ट्विटर आईटी कानून के तहत दायित्व से छूट गंवा देगी. यानी सरकार ने साफ संकेत दिए हैं कि अगर उसे भारत में रहना है तो उसे देस के नियम कायदे कानून मानने ही पड़ेंगे. साफ ही कि इसी मकसद से सरकार ने ट्विटर इंडिया (Twitter India) को नए IT नियमों का पालन करने के लिए फाइनल नोटिस जारी किया है.
नाराजगी की वजह ये भी
गौरतलब है कि चीफ कंप्लायंस अधिकारी की नियुक्ति के बारे में ट्विटर ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है. वहीं ट्विटर द्वारा नियुक्त किए गए रेजीडेंट ग्रीवांस अधिकारी और नोडल कांटेक्स पर्सन ट्विटर के कर्मचारी नहीं हैं. वहीं ट्विटर ने अपना पता लॉ फर्म के ऑफिस का दिया है जो कि नियमों के हिसाब से वैध नहीं है.
भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है. ट्विटर को यहां खुले हाथों से अपनाया गया. लेकिन दस साल से यहां काम करने के बावजूद ट्वटर ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं बना पाया जिससे भारत के लोगों को ट्विटर के बारे में अपनी शिकायत को सुलझाने का मौका मिल सके.
सरकार ने दिया आखिरी मौका
सरकार ने ये भी कहा कि अभी तो सद्भावना के तौर पर नए आईटी नियमों के पालन का एक अंतिम मौका ट्विटर को दिया जा रहा है. इसका पालन न करने पर ट्विटर को आईटी कानून के अनुच्छेद 79 के तहत दायित्व से छूट वापस हो जाएगी. वहीं ट्विटर को आईटी कानून तथा भारत के अन्य कानूनों के तहत मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है
Bureau Report
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