नईदिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन इस बीच लोगों के बीच टीके को लेकर कई तरह से मिथक हैं, जिन्हें सरकार समय-समय पर दूर करने की कोशिश करती है. कोवैक्सीन में बछड़े का सीरम इस्तेमाल होने को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही मिथक पर सरकार ने सफाई दी है और कहा कि तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.
‘कोवैक्सीन में Calf Serum का इस्तेमाल नहीं’
पीआईबी द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘कोवैक्सीन की संरचना के संबंध में कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि वैक्सीन में बछड़े का सीरम होता है. यह सही नहीं है और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.’
‘सिर्फ वेरो कोशिकाओं की वृद्धि के लिए होता है इस्तेमाल’
बयान में कहा गया, ‘Calf Serum का उपयोग केवल वेरो कोशिकाओं की तैयारी या वृद्धि के लिए किया जाता है. विभिन्न प्रकार के गोजातीय और अन्य पशु सीरम वेरो सेल विकास के लिए विश्व स्तर पर उपयोग किए जाने वाले मानक संवर्धन घटक हैं.’
‘दशकों से हो रहा है इस तकनीक का उपयोग’
पीआईबी ने आगे कहा, ‘वेरो कोशिकाओं का उपयोग कोशिका जीवन को स्थापित करने के लिए किया जाता है जो टीकों के उत्पादन में मदद करते हैं. पोलियो, रेबीज और इन्फ्लुएंजा के टीकों में दशकों से इस तकनीक का उपयोग किया जा रहा है.’
‘वेरो कोशिकाओं को किया जाता है साफ’
बयान में आगे कहा गया, ‘इन वेरो कोशिकाओं को वृद्धि के बाद Calf Serum से मुक्त यानी साफ करने के लिए कई बार पानी और केमिकल से धोया जाता है.
Bureau Report
Leave a Reply