सत्ता से बेदखल हुए Benjamin Netanyahu नहीं छोड़ पा रहे कुर्सी का मोह, संसद में विपक्ष के बजाये PM की Chair पर बैठे

सत्ता से बेदखल हुए Benjamin Netanyahu नहीं छोड़ पा रहे कुर्सी का मोह, संसद में विपक्ष के बजाये PM की Chair पर बैठे

तेल अवीव: बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) भले ही अब इजरायल (Israel) के प्रधानमंत्री नहीं हैं, लेकिन वह ये स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. इसका उदाहरण हाल ही में संसद में देखने को मिला, जब नेतन्याहू विपक्ष के नेता के लिए निर्धारित कुर्सी के बजाए PM की कुर्सी पर बैठ गए. उन्हें अपनी गलती का अहसास तब हुआ जब उन्हें याद दिलाया गया कि वह गलत कुर्सी पर हैं. दरअसल, बेंजामिन नेतन्याहू 12 साल तक इजरायल के प्रधानमंत्री रहे हैं, ऐसे में PM की कुर्सी उनकी आदत में शुमार हो गई है. अब जब एकदम से उनके हाथों से सत्ता चली गई है, तो वह इसे स्वीकार नहीं पर पा रहे हैं.

Voting के बाद हुई गलती

इजरायल (Israel) में अब 8 दलों के गठबंधन वाली सरकार है, जिसका नेतृत्व यामिना पार्टी लीडर नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) कर रहे हैं. रविवार को इजरायल की संसद में नई सरकार के गठन को लेकर वोटिंग हुई थी. बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के पक्ष में 59 वोट पड़े, जबकि गठबंधन के पक्ष में 60. इस तरह नेतन्याहू सत्ता से बेदखल हो गए. वोटिंग के बाद जब नेतन्याहू सदन में लौटे तो वह आदतन प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ गए, जिस पर वह पिछले 12 सालों से बैठ रहे थे.

Corruption के आरोपों से गई सत्ता

बेंजामिन नेतन्याहू को PM की कुर्सी पर बैठा देखकर पूर्व स्पीकर तुरंत उनके पास पहुंचे और उन्हें गलती का अहसास कराया. इसके बाद नेतन्याहू विपक्ष के नेता के लिए निर्धारित कुर्सी पर बैठे. नई सरकार के गठन के साथ ही लिकुड पार्टी लीडर नेतन्याहू अब संसद में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य करेंगे. नेतन्याहू इजरायल के सबसे लोकप्रिय नेता भी रहे हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से उनकी छवि काफी प्रभावित हुई थी. साथ ही सहयोगियों ने उन पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया था. 

Best Friends अब विपक्ष में

अपने दोस्त डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की तरह बेंजामिन नेतन्याहू ने भी चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि चुनाव में धांधली हुई है. इसी तरह के आरोप ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हारने के बाद लगाये थे. उन्होंने चुनाव परिणाम को अदालत में भी चुनौती दी थी, लेकिन हर तरफ से निराशा ही हाथ लगी. अब दोनों बेस्ट फ्रेंड सत्ता से बाहर होकर विपक्ष के नेता की भूमिका में आ गए हैं. हालांकि, नेतन्याहू समर्थकों का दावा है कि नई सरकार ज्यादा दूर तक नहीं चल पाएगी.

Bureau Report

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