कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन ? बीजेपी की विधायक दल की बेंगलुरु में बैठक चल रही है?

कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन हो इसके लिए बीजेपी की विधायक दल की बेंगलुरु में बैठक चल रही है?

Report by Hrithik Saini 

बंगलूरू : कर्नाटक में नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान आज देर शाम हो जाएगा। बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया था । इधर नए मुख्यमंत्री को लेकर सियासी हलचल बढ़ बहुत गई है। शाम पांच बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जी कृष्ण रेड्डी को पर्यवेक्षक बनाया गया है। दोनों नेता दिल्ली से बंगलूरू पहुच गये है। इसके अलावा कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह भी बंगलूरू पहुच गये है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से बीएस येदियुरप्पा ने कल यानि सोमवार को इस्तीफा दे दिया था। वो कर्नाटक ही नहीं दक्षिण भारत के सभी राज्यों में लोकप्रिय नेता हैं। और उनकी राज्य में काफी मजबूत पकड़ है, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कही यह बीजेपी के जोखिम भरा फैसला हो सकता है, साथ ही दूसरा सवाल जो और भी महत्वपूर्ण है कि आखिर इसके लिए येदियुरप्पा इतनी आसानी से मान कैसे गए।
चर्चा यह भी गर्म है कि बीएस येदियुरप्पा के बेटे को केंद्र में या फिर राज्य में प्रभावशाली पद देने का वादा किया गया है। और केंद्र में मंत्रिमंडल विस्तार में  बीएस येदुरप्पा की करीबी नेता शोभा कारनदलाजे को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। 
26 जुलाई को ही कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा  भाजपा सरकार को दो साल पूरे हुए हैं। अब हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है कि राज्य का अगला सीएम कौन होगा। कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री की रेस में कई नामों की चर्चा है। उनमें केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष,उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वत्थ नारायण, विधायक  सी टी रवि, और राज्य विधानसभा के अध्यक्ष विश्वेश्वर कागेरी हेगड़े शामिल हैं। राज्य के गृह मंत्री बसवराज एस बोम्मई के नाम भी चर्चा में हैं।
 येदियुरप्पा की लिंगायत समुदाय में बहुत अच्छी पकड़ है, पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी एल संतोष पहले से ही बेंगलुरू में डेरा डाले हुए हैं और पार्टी नेताओं से बैठकें कर अपने लिए जमीन तैयार कर रहे हैं और नेताओं से रायशुमारी भी कर रहे हैं। येदियुरप्पा कर्नाटक के सबसे प्रभावशाली लिंगायत समुदाय से आते हैं। ऐसी चर्चा है कि लिंगायत समुदाय के ही किसी प्रभावशाली नेता को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपने पर भाजपा विचार कर सकती है? 
येदियुरप्पा की राज्य में लिंगायत समुदाय के बीच उनकी अच्छी और बहुत मजबूत पकड़ है। लिंगायत जो राज्य की आबादी का करीब 17% है, दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है दलित समुदाय के बाद, दलित लगभग 22% हैं और भाजपा का मुख्य वोट बैंक हैं।कर्नाटक राज्य की 224 विधानसभा सीटों में से 80-90 सीटों पर चुनावी नतीजों को आसानी से प्रभावित कर सकते हैं। और आगामी अप्रैल-मई 2023 में होने वाले अगले राज्य विधानसभा के चुनाव हैं, 
कर्नाटक में चुनाव अभी दूर है और बीजेपी कई  महीनों से इस प्रयास में लगी थी कि येदियुरप्पा को इस्तीफा देने के फैसले के लिए राजी किया जाए। और येदियुरप्पा के जाने के बाद भी लिंगायत समुदाय पार्टी के साथ जुड़ा रहे, यदि वो स्वेच्छा से इस्तीफे के लिए राजी हो जाएं। जहां तक येदियुरप्पा का सवाल है, वो अब 78 साल के हो गए हैं। राज्य में उन्होंने पार्टी को बहुत मजबूत किया है ,ऑपरेशन लोटस के तहत JDS – Congress  सरकार गिराई और जुलाई 2019 में राज्य में बीजेपी की सरकार बनाई थी।
अगर बीजेपी येदियुरप्पा की पसंद का मुख्यमंत्री नहीं बनाती है कर्नाटक में। तो आगामी विधानसभा चुनाव में निश्चित तौर पर बीजेपी को परेशानी हो सकती है क्योंकि येदियुरप्पा कर्नाटक के सबसे बड़े जमीनी नेता है। 

कर्नाटक के राजनीतिक हालातों को देखते हुए लग रहा है कि बीएस येदियुरप्पा के विश्वासपात्र और राज्य के गृहमंत्री बसवराज बोम्मई को कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री का ताज मिल सकता, क्योंकि वह लिंगायत समुदाय से आते हैं और दूसरा वह बीएस येदियुरप्पा के काफी करीबी और विश्वास पात्र हैं और उनकी इमेज भी बहुत अच्छी है राज्य में, इसके अलावा उनका प्रशासनिक अनुभव भी काफी अच्छा है।

Bureau Report

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