नईदिल्ली: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अब देश के सांसदों से मदद मांगी है। एक ट्वीट के माध्यम से उन्होंने कहा कि अब किसान ये देखेगा कि जो सांसद किसानों की मदद करने की बात कह रहे हैं वो संसद में उनकी आवाज को कितनी मजबूती के साथ उठाते हैं। अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि देश के किसानों ने सांसदों को एक पीपुल्स व्हिप जारी किया है, इस व्हिपका पालन कितने सांसद करते हैं इस पर देश के करोड़ों किसानों की नजर है, किसानों को समर्थन करने वाले दल संसद में किसानों की आवाज को कैसे उठाते हैं इस पर किसान की नजर है। इसके बाद उन्होंने हैशटैग किसान आंदोलन संसद तक भी किया है।
इससे पहले केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत और नरेश टिकैत के बोल बिगड़ चुके हैं। दोनों नेता अब सीधे केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। दोनों किसान नेताओं के बीते कुछ दिनों के बयान जानने के बाद ऐसा लग रहा है कि अब ये केंद्र सरकार से आमने-सामने की लड़ाई लड़ने जैसा मन बना चुके हैं, इसी वजह से ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं। एक निजी टीवी चैनल से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत तो यहां तक बोल गए कि लगता है अब देश में युद्ध होगा।
देश के किसानों ने सांसदों को एक पीपुल्स व्हिप जारी किया है,इस व्हिपका पालन कितने सांसद करते हैं इस पर देश के करोड़ों किसानों की नजर है किसानों को समर्थन करने वाले दल संसद में किसानों की आवाज को कैसे उठाते हैं इस पर किसान की नजर है.
उधर भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने इंटरनेट मीडिया पर कुछ समाचार पत्रों की कटिंग को शेयर करते हुए लिखा था कि सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करे अन्यथा नतीज़े भुगतने के लिए तैयार रहे। इससे पहले राकेश टिकैत ने 22 जुलाई को संसद भवन पर प्रदर्शन के लिए पोस्टर जारी करके एक बार फिर से दिल्ली पुलिस और सरकार को सुरक्षा के लिए तैयारी पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया था।
एक अलग ट्वीट में किसान नेता राकेश टिकैत देश में लोकतंत्र का हवाला दे चुके हैं। साथ ही ये भी कह चुके हैं कि लोकतांत्रिक देश में सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है लेकिन जब तक सरकार मांगे पूरी नहीं करेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। टिकैत ने अपने ट्विटर एकाउंट से कुछ दिन पहले ये दो लाइनें ट्वीट की थी। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि लोकतांत्रिक देश में सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है, लेकिन जब तक सरकार मांगे पूरी नहीं करेगी तब तक आन्दोलन जारी रहेगा।
उनके इस ट्वीट पर लोगों ने काफी कुछ कहा था। अधिक मात्रा में लोगों ने कहा कि राकेश टिकैत ने यूपी गेट पर लाखों लोगों का रास्ता रोक रखा है, उनको वैकल्पिक रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ रहा है वो किस लोकतंत्र के तहत यहां रास्ता जाम किए हुए बैठे हैं। लोकतंत्र अपनी बात कहने की पूरी आजादी देता है मगर दूसरों को परेशान करने की नहीं। सात माह से लोग परेशानी झेल रहे हैं। वो किस तरह के लोकतंत्र की बात कह रहे हैं। अब 22 जुलाई को संसद तक जाने की बात से दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं में माहौल गर्म है।
Bureau Report
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