तालिबानी हुकूमत में मीडिया भी बदला:अफगानिस्तान में CNN की रिपोर्टर हिजाब पहने नजर आईं, कहा- तालिबानियों का रवैया दोस्ताना

तालिबानी हुकूमत में मीडिया भी बदला:अफगानिस्तान में CNN की रिपोर्टर हिजाब पहने नजर आईं, कहा- तालिबानियों का रवैया दोस्ताना

अफगानिस्तान में सत्ता बदलते ही मीडिया को भी अपना कलेवर बदलना पड़ा है। अमेरिकी मीडिया हाउस CNN चीफ इंटरनेशनल रिपोर्टर क्लैरिसा वार्ड हिजाब में नजर आईं। रिपोर्टिंग के दौरान क्लैरिसा ने कहा कि एक तरफ तालिबानी “अमेरिका का खात्मा हो’ का नारा लगा रहे हैं और दूसरी तरफ उनका रवैया काफी दोस्तान दिखाई दे रहा है। ये पूरी तरह से अजीब है।

क्लैरिसा ने बताया औरतों के लिए कितना बदल गया अफगानिस्तान
क्लैरिसा सोमवार को अफगान में अमेरिकी दूतावास के बाहर रिपोर्टिंग कर रही थीं। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले के मुकाबले अब अफगानिस्तान की सड़कों पर महिलाएं बहुत कम नजर आ रही हैं। इसके अलावा एक और चीज गौर करने लायक है, वो ये कि अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत कायम होने के बाद महिलाएं ज्यादा पारंपरिक और दकियानूसी परिधानों में नजर आ रही हैं।

24 घंटे में रिपोर्टिंग का रंगरूप ही बदल गया

क्लैरिसा की रिपोर्टिंग का जो वीडियो सामने आया है, उसमें वे सिर से पैर तक बुरके में नजर आ रही हैं। उनके पीछे तालिबानी लड़ाके दिखाई दे रहे हैं। कुछ जी पर बैठकर नारेबाजी कर रहे हैं कि अमेरिका का खात्मा हो। इससे पहले भी क्लैरिसा अफगानिस्तान में िरपोर्टिंग करते हुए नजर आईं थीं, लेिकन तब उन्होंने इतनी ज्यादा ट्रेडिशनल ड्रेस नहीं पहनी थी। 15 अगस्त की ही एक रिपोर्ट में वे कुर्ते और दुपट्टे में नजर आई थीं, लेकिन 16 अगस्त को जब वो रिपोर्टिंग करती दिखाई दीं तो हिजाब पहन रखा था।

क्लैरिसा बोलीं- हक्के-बक्के हैं अफगानिस्तान में काम कर रहे रिपोर्टर
क्लैरिसा ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि तालिबानी कब्जे के बाद यहां काम कर रहे बहादुर जर्नलिस्ट हक्के-बक्के हैं। तालिबान के सत्ता हासिल करने से उन्हें धक्का लगा है। वो जानते हैं कि अब वो निशाने पर हैं, क्योंकि उन्होंने अशरफ गनी सरकार के वक्त खुलकर और साफगोई से रिपोर्टिंग की है। पहले वो तालिबान के खिलाफ बोलते रहे हैं और अब सबसे बड़ा टारगेट वही हैं।

पहले भी हिजाब में नजर आ चुकी हैं क्लैरिसा
ये पहली बार नहीं है कि क्लैरिसा वार्ड हिजाब में नजर आई हों। 2016 में सीरिया में कवरेज के दौरान भी वो कई मौकों पर हिजाब में नजर आई थीं। सीरिया की सिविल वार के दौरान उन्होंने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि आप को ये बात स्वीकार करनी होगी कि आप हमेशा लोगों की जान नहीं बचा सकते हैं। क्लैरिसा 2006 में लेबनान युद्ध के दौरान बेरूत और 2005 में ईराक युद्ध के दौरान मोसुल में भी रिपोर्टिंग कर चुकी हैं।

Bureau Report

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