नईदिल्ली: एक बार आपको लगेगा कि यह महंगा है, लेकिन यकीन मानिए, यह महंगा नहीं सस्ता है। बात जब ई-व्हीकल की हो तो चार पहिया वाहन आपको महंगा तो मिलेगा, लेकिन प्रतिदिन के खर्च, मेंटेनेंस और रनिंग कास्ट पेट्रोल और डीजल कार से सस्ती है। साथ ही पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होता है। इन वाहनों से न तो धुआं और न ही गैस निकलती है। इसके अलावे इंजन न होने के कारण ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होता है। ई बाइक, पेट्रोल बाइक की कीमत से 30 फीसद सस्ती हैं। इनकी कीमत कम होने के साथ खर्च भी कम है। बस आप इसे सुपर बाइक की तरह दौड़ा नहीं सकेंगे, जिससे आप दुर्घटना के शिकार होने से भी बचेंगे।
यातायात नियमों का भी नहीं होगा उल्लंघन
ई-बाइक और ई-कार की स्पीड की बात करें तो बाइक की स्पीड उसके माडल के अनुसार लो स्पीड बाइक 25 किमी प्रतिघंटे और हाई स्पीड बाइक 55-60 किमी प्रतिघंटे तक चलती हैं। वहीं ई-कार 60-80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। ऐसे में संभावना कम है कि ई-बाइक या ई-कार से गति सीमा के मामले में यातायात नियम का उल्लंघन किया जाए।
पर्यावरण को लाभ, कानों को सुकून
ई-कार और बाइक से किसी भी प्रकार का धुआं या गैस न निकलने के कारण यह पर्यावरण के लिहाज से काफी लाभदायक है। वहीं इंजन न होने के कारण साइलेंसर से भी किसी प्रकार की आवाज नहीं आती है। इसके अलावा कार में कोई आवाज न होने के कारण इसमें सफर भी आरामदायक है। वहीं बाइक में भी बार-बार गियर बदलने, इंजन आयल, कूलेंट आदि के खत्म होने या सड़क पर बहने का कोई मौका नहीं है।
ई-कार पर सब्सिडी का इंतजार
ई-बाइक पर प्रदेश सरकार की तरफ से 15 हजार रुपये प्रतिकिलोवाट के हिसाब से सब्सिडी मिल रही है। ऐसे में एक बाइक पर करीब उसकी कीमत की 35 फीसद तक सब्सिडी मिल जाती है। हालांकि ई-कारों पर अभी किसी प्रकार करी सब्सिडी नहीं दी जा रही है। अगर प्रदेश सरकार की तरफ से ई-बाइक की तर्ज पर ही ई-कार को भी सब्सिडी दी जाए, तो ई-व्हीकल को प्रदेश में बढ़ावा मिलेगा। इससे ज्यादातर लोग ई-कार का इस्तेमाल का इस्तेमाल करेंगे।
हल्के होने के कारण पिकअप बेहतर
एएमओ इलेक्टिक बाइक कंपनी की फाउंडर सुशांत कुमार के मुताबिक ई-बाइक हो या ई-कार दोनों का वजन सामान्य वाहनों की तुलना में करीब 30 फीसद तक कम हो जाता है, इससे वाहन का पिकअप बेहतर हो जाता है। वहीं ई-बाइक के चार्ज होने में करीब तीन घंटे का समय लगता है, जबकि ई-कार को चार्ज करने में फास्ट चार्जर से मात्र 45 मिनट लगते हैं। एक बार चार्ज होने पर बाइक 70-120 किलोमीटर और ई-कार 200-225 किलोमीटर का सफर तय करती है।
जिंदगी भर की कार
पेट्रोल की कार जहां 15 वर्ष के बाद सड़क पर नहीं चल सकती, वहीं डीजल कार दस वर्ष ही चल सकती है, लेकिन ई-कार के लिए ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। कंपनी की तरफ से बैटरी और मोटर की आठ वर्ष की वारंटी मिल रही है। माना जाता है कि ई-कार की बैटरी और मोटर करीब दस वर्ष तक चलती है। दस वर्ष बाद अगर बैटरी और मोटर को बदल दिया जाए, तो फिर से दस वर्ष तक उसे चलाया जा सकता है। ई-कार का रजिस्ट्रेशन खत्म न होने के कारण इसकी फिटनेस के आधार पर इसे लंबे समय तक प्रयोग में लिया जा सकता है।
Bureau Report
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