नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत से लोगों की जेब ढीली हो रही है. ज्यादातर शहरों में फ्यूल का रेट 100 के पार पहुंच चुका है. महंगे पेट्रोल-डीजल के कारण महंगाई दर लगातार बढ़ती जा रही है. इसीलिए अगस्त की मॉनिटरी पॉलिसी में RBI ने महंगाई दर लक्ष्य को बढ़ाया है. लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कीमत में कटौती करने को लेकर किसी तरह का ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
फ्यूल प्राइस को सरकार कर रही है मॉनीटर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि सरकार फ्यूल प्राइस को लगातार मॉनीटर कर रही है. महंगाई दर को नियंत्रण में लाने के लिए कई तरह के कदम उठाए गए हैं. अपने जवाब में सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने जून में इंटरनेशनल मार्केट में कमोडिटी के भाव में तेजी की तरफ ध्यान आकर्षित किया था. RBI ने खासतौर पर कच्चे तेल के भाव में तेजी को गंभीरता से लेने की चेतावनी दी थी.
RBI ने किया था आगाह
वित्त मंत्री ने रिजर्व बैंक के बयान को कोट करते हुए कहा कि फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी, सेस, केंद्र और राज्य की तरफ से वसूले जाने वाले अन्य तरह के टैक्स को धीरे-धीरे समन्वित तरीके से समायोजित करने की आवश्यकता है. इस तरह कीमत को कंट्रोल किया जा सकता है. फ्यूल महंगा होने से इनपुट कॉस्ट काफी बढ़ जाता है, क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन से लेकर तमाम जगहों पर इसका इस्तेमाल होता है.
महंगाई पर नियंत्रण के लिए सरकार सख्त
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने इंफ्लेशन पर कंट्रोल के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. सप्लाई चेन को दुरुस्त किया गया है. खाने के तेल पर आयात शुल्क घटाया गया है. सेस माफ किया गया है. दाल और तेल के आयात को लेकर नियम आसान किए गए हैं. इसके अलावा स्टॉक को लेकर भी नियम में बदलाव किया गया है. इन उपायों की मदद से कीमत पर कंट्रोल की लगातार कोशिश जारी है.
RBI ने महंगाई दर का अनुमान बढ़ाया
वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने बयान में कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण तात्कालिक तौर पर महंगाई दर में उछाल आएगा. ऐसे में महंगाई पर कंट्रोल करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की जरूरत है. अगस्त में मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर के अनुमान को 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.7 फीसदी कर दिया है.
Bureau Report
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