टोक्यो: भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक में ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया है. हॉकी में भारत ने 41 साल के सूखे को खत्म करते हुए ओलंपिक मेडल जीता है. भारत ने गुरुवार को ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से मात देकर टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है. 1980 के बाद भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार ओलंपिक मेडल जीता है.
भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल बाद जीता ओलंपिक मेडल
ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था, जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने गोल्ड मेडल जीता था. उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और 1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी. लेकिन अब 41 साल बाद भारतीय टीम ने ओलंपिक मेडल हासिल कर लिया है.
भारत ने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में जीता था गोल्ड मेडल
भारतीय टीम ने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन उस दौरान भारत छह टीमों के पूल में दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल का टिकट हासिल किया था.
बेहद रोमांचक हुआ मुकाबला
भारत की पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल के अंतराल के बाद ओलंपिक पदक जीतने का गौरव हासिल किया है. भारत ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के लिए हुए रोमांचक मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराया. भारतीय टीम सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों हार गई थी. इसके बाद उसे कांस्य जीतने का मौका मिला था. जर्मनी के खिलाफ एक समय भारतीय टीम 1-3 से पीछे चल रही थी, लेकिन सात मिनट में चार गोल करते हुए भारतीय खिलाड़ियों ने मैच की दिशा अपनी ओर मोड़ दी.
टोक्यो में भारत का यह चौथा पदक
टोक्यो में भारत का यह चौथा पदक है. भारत हॉकी के अलावा वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन और मुक्केबाजी में पदक जीत चुका है जबकि इस हार के साथ जर्मनी के हाथों 2016 के रियो ओलंपिक के बाद लगातार दूसरा कांस्य जीतने का मौका निकल गया.
सिमरनजीत सिंह ने दिलाई अच्छी शुरुआत
बहरहाल, मैच का पहला गोल दूसरे मिनट में जर्मनी के तिमोर ओरुज ने किया. ओरुज ने एक बेहतरीन फील्ड गोल के जरिए अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया. जर्मनी ने इसी अंतर से दूसरे क्वार्टर में प्रवेश किया. सिमरनजीत सिंह ने हालांकि इस क्वार्टर की शुरुआत में ही 17वें मिनट में गोल कर स्कोर 1-1 कर दिया. यह एक फील्ड गोल था.
भारत ने भी हार नहीं मानी
निकलास वालेन ने हालांकि 24वें और फिर बेनेडिक्ट फुर्क ने 25वें मिनट में गोल कर जर्मनी को एक बार फिर 3-1 से आगे कर दिया. भारत ने भी हार नहीं मानी और 27वें तथा 29वें मिनट में गोल कर स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया. 27वें मिनट में हार्दिक सिंह ने पेनाल्टी कार्नर पर गोल किया जबकि 29वें मिनट में भी पेनाल्टी कार्नर पर ही गोल हुआ जो हर्मनप्रीत सिंह ने किया.
भारतीय हॉकी टीम के आक्रामक तेवर
हाफटाइम तक स्कोर 3-3 था. इसके बाद तो भारत नहीं रुका और एक के बाद एक गोल कर 5-3 की लीड ले ली. रुपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में पेनाल्टी स्ट्रोक पर भारत के लिए चौथा गोल किया, जबकि हर्मनप्रीत सिंह ने 34वें मिनट में अपना दूसरा और टीम के लिए पांचवां गोल किया.
जर्मन टीम को नहीं मिला कोई मौका
जर्मन टीम भी हार मानने वाली नहीं थी. उसने 48वें मिनट में अपना चौथा गोल कर मैच में रोमांच ला दिया. जर्मनी के लिए यह गोल लुकास विंडफेडर ने पेनाल्टी कार्नर पर किया. अब स्कोर 4-5 हो चुका था. अंतिम समय में जर्मन टीम ने कई हमले किए लेकिन भारतीय डिफेंस मुस्तैद था. उसने तमाम हमलों को नाकाम कर स्कोर की रक्षा की और 41 साल से चले आ रहे सूखे को समाप्त किया.
Bureau Report
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