कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को दिल्ली मेट्रो (DMRC) के खिलाफ केस में बड़ी जीत हासिल हुई है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को दिल्ली मेट्रो से कुल 4,600 करोड़ रुपये मिलेंगे। मामले में कंपनी ने दिल्ली मेट्रो पर करार तोड़ने का आरोप लगाया था और उससे 2,800 करोड़ रुपये की टर्मिनेशन फीस की मांग की थी। इसके बाद मामला अदालतों में घूमता रहा और आज सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के दावे को सही ठहराया है। अब डीएमआरसी को ब्याज और हर्जाने के साथ रकम लौटाने का आदेश दिया गया है।
क्या है मामला?
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और डीएमआरसी के बीच दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस को बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर (BOT) आधार पर बनाने की डील हुई थी। तब रिलायंस इंफ्रा ने दिल्ली मेट्रो पर करार तोड़ने का आरोप लगाया था और उसको खारिज करते हुए टर्मिनेशन फीस मांगी थी। मामले में डीएमआरसी ने आर्बिट्रेशन शुरू करने के लिए उससे जुड़े क्लॉज का सहारा लिया था। साल 2017 में आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने डीएमआरसी के खिलाफ आदेश जारी किया था। ट्रिब्यूनल ने उसे 2,800 करोड़ रुपए के आर्बिट्रेशन अवॉर्ड के साथ रकम पर ब्याज और हर्जाना अदा करने को कहा था। इसके बाद 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट के सिंगल जज की बेंच ने ट्रिब्यूनल के आदेश को सही ठहराया था और मुआवजे का भुगतान करने को कहा था।
इसके अगले साल यानी 2019 में दिल्ली हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने आर्बिट्रेशन अवॉर्ड को खारिज कर दिया। फिर इस आदेश को अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से रिलायंस इंफ्रा को राहत मिली है। उच्चतम न्यायालय का यह आदेश अनिल अंबानी के लिए बेहद अहम है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी दूरसंचार कंपनियां दिवालिया करार दिए जाने की कगार पर हैं।
रिलायंस इंफ्रा के शेयर में जोरदार उछाल
इसके बाद आज रिलायंस इंफ्रा के शेयर में जोरदार उछाल आया। 72 के स्तर पर खुलने के बाद दोपहर 2.22 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी का शेयर 3.50 अंक यानी 4.95 फीसदी उछलकर 74.15 पर पहुंच गया। कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1950.07 करोड़ रुपये है।
Bureau Report
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