Manipur: मणिपुर हिंसा पर एक और याचिका, SC ने कहा- इस मुद्दे पर पहले से ध्यान, फिर इसकी क्या जरूरत

Manipur: मणिपुर हिंसा पर एक और याचिका, SC ने कहा- इस मुद्दे पर पहले से ध्यान, फिर इसकी क्या जरूरत

मणिपुर हिंसा को लेकर लोगों में लगातार गुस्सा है। गुरुवार को इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दी गई। इस पर पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछ लिया कि अदालत में पहले से ही इस मुद्दे पर गौर किया जा रहा है, तो एक और याचिका की क्या आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष अपनी याचिका का उल्लेख करने को कहा। 

स्वतंत्र समिति के गठन की मांग 
दरअसल, याचिकाकर्ता ने मणिपुर में यौन उत्पीड़न और हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के तहत एक स्वतंत्र समिति के गठन की मांग की है। 

सीजेआई नहीं थे अदालत में मौजूद
मामले को न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेखित किया गया था। गुरुवार को सीजेआई चंद्रचूड़ अदालत में नहीं आए थे।

याचिकाकर्ता ने की यह मांग
याचिका दायर करने वाले वकील विशाल तिवारी ने पीठ को बताया कि मणिपुर हिंसा से संबंधित मुद्दे को उठाने वाली लंबित याचिकाएं शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि उनकी याचिका को भी संबंधित मामले के साथ शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।

हर कोई करना चाहता है बात: पीठ
पीठ ने इस पर कहा कि शीर्ष अदालत में पहले से ही इस मुद्दे पर गौर किया जा रहा है, तो एक और याचिका की क्या आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में देशभर में हर कोई अपनी बात रखना चाहता है। पीठ ने कहा कि कल सीजेआई के समक्ष इसका उल्लेख करें।


याचिका में लगाए गए आरोप
तिवारी ने दावा किया कि उन्होंने कानून के शासन के उल्लंघन और मणिपुर में क्रूरता और अराजकता के खिलाफ याचिका दायर की है। बता दें, याचिका में कहा गया है कि मणिपुर में भीड़ ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर अपमानजनक तरीके से घुमाया और उनके साथ यौन उत्पीड़न किया। हाल ही में इसका वीडियो सामने आया है। इस पूरी घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि हिंसा, हमले, यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म और दंगों से संबंधित यह घटना मणिपुर में दो महीने पहले हुई थी। फिर भी केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका में आगे कहा गया है कि स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति को चार सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा जाना चाहिए। साथ ही लापरवाही और ललिता कुमारी मामले में शीर्ष अदालत के 2013 के फैसले का अनुपालन नहीं करने के लिए राज्य एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किया जाना चाहिए। तिवारी ने मणिपुर में हिंसा की सीबीआई जांच के लिए अदालत से निर्देश देने की भी मांग की है।

Bureau Report

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