नईदिल्ली: किसान आंदोलन के बीच मोबाइल टावरों को पहुंचाए जा रहे नुकसान को लेकर रिलायंस ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कंपनी ने अदालत में याचिका दायर करते हुए कहा है कि कॉरपोरेट प्रतिद्वंद्वियों व निहित स्वार्थों के लिए प्रदर्शनकारियों को उसके खिलाफ उकसाया जा रहा है, जिसकी वजह से रिलायंस जियो के 1500 के आसपास मोबाइल टावर क्षतिग्रस्त हुए हैं. इससे पहले, पंजाब सरकार ने किसानों से आग्रह किया था कि टावरों को नुकसान न पहुंचाया जाए, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ. इसलिए अब कंपनी ने अदालत का रुख किया है.
Company को हुआ है नुकसान
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले काफी दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि मुकेश अंबानी जैसे उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कानून लाए गए हैं. इसी वजह से पंजाब में बड़े पैमाने पर रिलायंस जियो के मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. अब तक 1500 के आसपास टावरों में तोड़फोड़ हुई है, जिसके चलते कंपनी को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. अब रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के जरिए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.
Employees का दिया हवाला
रिलायंस ने सरकार से भी अपील करते हुए कहा है कि वो इस मामले में हस्तक्षेप करे और तोड़फोड़ की घटनाओं को पूरी तरह से रोके. कंपनी ने अपनी याचिका में कहा है कि जियो के टावर तोड़े जाने की वजह से हजारों कर्मचारियों के जीवन पर असर पड़ रहा है, साथ ही संचार सेवा भी बाधित हो रही है. रिलायंस की तरफ से यह भी कहा गया है कि प्रतिद्वंद्वी कंपनियां लोगों को उसके खिलाफ भड़का रही हैं.
आज फिर होगी बैठक
वहीं, किसान संगठनों और सरकार के बीच आज दोपहर 2 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में सातवें दौर की बातचीत होगी. किसान और केंद्र सरकार के बीच 30 दिसंबर को छठे दौर की बाचतीच हुई थी. लगभग पांच घंटे चली बैठक में बिजली दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड को लेकर किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए कुछ सहमति बनी, लेकिन दो बड़े मुद्दों पर गतिरोध बना रहा. किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.
Bureau Report
Leave a Reply