गोरखपुर: चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के अवसर पर सीएम योगी गृह क्षेत्र गोरखपुर में शहीद स्मारक पर माला अर्पण कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शताब्दी समारोह में शिरकत की है. वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनता से जुड़े हैं. बता दें, शताब्दी समारोह को योगी सरकार यादगार बनाते हुए राष्ट्रगीत वंदे मातरम् का विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है. इसके लिए सीएम बुधवार को ही गोरखपुर पहुंच गए हैं.
पीएम मोदी ने सीएम योगी को दी बधाई
चौरा चौरा शताब्दी समारोह का शुभारंभ पीएम मोदी के हाथों से किया गया, जिसके बाद रंगारंग कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि वह सीएम योगी और उनकी टीम को समारोह के आयोजन पर बधाई देना चाहेंगे. चौरी चौरा की घटना को जीवंत करने का यह अच्छा प्रयास है. इसके साथ ही हर क्षेत्र के वीर बलिदानियों को याद किया जाएगा. साथ ही पीएम ने कहा कि यह दिन बाबा राघव दास और मदन मोहन मालवीय को प्रणाम करने का दिन है.
आग थाने में नहीं लोगों के दिलों में लगी थी
पीएम मोदी ने चौरी-चौरा के शहीदों को याद करते हुए कहा कि उन्हें इतिहास में प्रमुखता से जगह नहीं दी गई. चौरी-चौरा की घटना को मामूली आगजनी की घटना की तरह देखा गया, लेकिन ये उससे कई ज्यादा था. आग थाने में नहीं, जन-जन के दिलों में लगी थी.
क्या है चौरी चौरा कांड?
यूपी के गोरखपुर जिले के पास एक कस्बा है-चौरीचौरा. यहां 100 साल पहले (4 फरवरी 1922 को) भारतीयों ने ब्रिटिश सरकार की एक पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था, जिससे वहां के 22 पुलिस कर्मियों की जान चली गई थी. भारत के स्वतत्रंता आंदोलन पर इसका बड़ा असर पड़ा था और तभी से इसे चौरीचौरा कांड के नाम से जाना जाता है.
अगले साल 4 जनवरी तक होंगे आयोजन
सीएम योगी ने अपने अधिकारियों को चौरी-चौरा शताब्दी समारोह (4 फरवरी 2021) से लेकर 2022 की 4 फरवरी तक चौरी-चौरा शताब्दी समारोह की कार्य योजना बनाने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही, सीएम ने यह भी आदेश दिए थे कि इस अवसर पर सभी जिलों में शहीद स्मारक स्थलों पर चौरी-चौरा की घटना को केंद्र में रखकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.
सीएम ने किया था ट्वीट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के शब्दों को दोहराया. उन्होंने कहा, “भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष है. इसका कंकर-कंकर शंकर है, इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है. हम जिएंगे तो इसके लिए मरेंगे तो इसके लिए. -श्रद्धेय अटल जी ‘राष्ट्र आराधना’ का यह भाव जागृत करने की साधना है ‘चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव’. आइए, हम सभी सहभागी बनें.”
Bureau Report
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