बीजिंग: चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. दोनों देश प्रतिबंधों के जरिए एक-दूसरे के खिलाफ अपना गुस्सा प्रकट कर रहे हैं. अब चीन की सेना ने अमेरिकी कंपनी टेस्ला इंक की कारों को बैन कर दिया है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का कहना है कि टेस्ला की कारों में लगे कैमरे संवेदनशील डेटा के लिए खतरा हो सकते हैं, इसलिए इनके इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है.
China ने दिया ये तर्क
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, PLA ने यह कदम कम्युनिस्ट सरकार द्वारा की गई सुरक्षा समीक्षा के बाद उठाया है. चीनी अधिकारियों का मानना है कि टेस्ला की कारों में लगे सेंसर आसपास के स्थानों की तस्वीरें रिकॉर्ड कर सकते हैं. इसके अलावा, इन सेंसर की मदद से यह भी पता लगाया जा सकता है कि कारों को कैसे और कब इस्तेमाल किया जाता है. अधिकारियों के अनुसार, सेंसर ड्राइवर के व्यक्तिगत डेटा और उनके फोन में सिंक कांटेक्ट लिस्ट के लिए भी खतरनाक हो सकते हैं.
Parking आसान बनाता है कैमरा
कई अन्य ऑटोमोबाइल निर्माताओं की तरह टेस्ला भी अपनी कारों में इंटरनल कैमरे लगाती है, ताकि ड्राइवर को पार्किंग आदि में मदद मिल सके. इससे पहले, अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता टेस्ला इंक ने चीन स्थित अपनी प्रोडक्शन साइट में हैकिंग की बात कही थी. कंपनी ने कहा था कि हैकिंग की घटना केवल हेनान प्रांत स्थित उसके उत्पादन स्थल तक सीमित थी और उसकी शंघाई कार फैक्टरी एवं शोरूम पर इसका कोई असर नहीं हुआ है.
Chinese Regulators ने किया तलब
चीनी नियामक ने इस संबंध में टेस्ला के अधिकारियों को तलब करके अपनी चिंताओं से अवगत कराया है. नियामक ने कंपनी से कहा है कि उसकी कारों में तकनीक समस्या आ रही है, जिसकी वजह से सुरक्षा के जुड़े खतरे उत्पन्न हो सकते हैं. स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन फॉर मार्केट रेगुलेशन ने एक बयान में कहा है कि टेस्ला की कारों को लेकर उपभोक्ताओं ने कई शिकायतें की हैं. जिसमें असामान्य एक्सीलरेशन, बैटरी में आग लगना और रिमोट अपडेट सिस्टम की खराबी आम है. नियामक ने टेस्ला से कहा है कि उसे चीनी कानूनों का कड़ाई से पालन करना होगा.
Leave a Reply