मुंबई: 100 करोड़ रुपये की उगाही के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने नया खुलासा किया है और बताया है कि सचिन वझे (Sachin Vaze) गिरफ्तारी से पहले फेक आईडी देकर मुंबई के ट्राइडेंट होटल में रुका था. एनआईए ने होटल की तलाशी ली है और जांच में पाया है कि वझे ने फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर होटल में बुकिंग की थी.
आईडी में लगी थी सचिन वझे की फोटो
एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि सचिन वझे (Sachin Vaze) ने जिस फेक आईडी कार्ड का इस्तेमाल होटल ट्राइडेंट में रुकने के लिए किया था, उस पर सुशांत सदाशिव कमकार (Sushant Sadashiv Khamkar) का नाम लिखा था, जबकि फोटो सचिन वझे की ही लगी हुई थी. एनआईए के मुताबिक एक टीम ने नरीमन पॉइंट स्थित होटल के एक कमरे में तलाशी ली, जहां वझे 16 से 20 फरवरी तक रुका था.
होटल में 2 बैग के साथ दिखा सचिन वझे
NIA सूत्रों के मुताबिक, ट्राइडेंट होटल से बरामद सीसीटीवी फुटेज को खंगालने पर सचिन वझे के हाथ में नीले रंग के दो बैग दिखाई दे रहे हैं. एक बैग में बड़ी मात्रा में कैश था, जबकि दूसरे बैग में जिलेटिन की वो छड़ें मौजूद होने का अनुमान है जिनका इस्तेमाल 25 फरवरी को किया गया था. हालांकि इस बात को अभी एनआईए कंफर्म करने की कोशिश कर रही है.
सीसीटीवी फुटेज में एक महिला भी आई सामने
एनआईए को होटल से मिले एक सीसीटीवी फुटेज में एक महिला भी दिखाई दी है, जिसके हाथ में नोट गिनने की मशीन है. NIA सूत्रों के मुताबिक ये महिला गुजरात की रहने वाली है. अब NIA ये खोजने में जुटी है कि ये महिला आखिर कौन है और इस महिला का सचिन वझे से क्या ताल्लुक है
एटीएस ने दमन से जब्त की वॉल्वो कार
मामले की जांच कर रही महाराष्ट्र एटीएस उस वॉल्वो कार को जब्त कर लिया है, जिसे सचिन वझे इस्तेमाल करता था. इस वॉल्वो कार को दमन में छुपाकर रखा गया था. एटीएस को वॉल्वो कार के अलावा कई अहम सबूत भी मिले हैं. एटीएस के एक्सपर्ट्स अब इस गाड़ी की जांच में जुटे हैं. एटीएस की टीम पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गाड़ी के असली मालिक का और सचिन वझे के संबंध किस तरह के हैं. NIA सूत्रों के मुताबिक इस वॉल्वो गाड़ी का असली मालिक अभिषेक नाथानी उर्फ अभिषेक अग्रवाल है. इस कार की तलाश NIA को भी थी.
पूर्व पुलिस कमीश्नर ने लगाए थे गंभीर आरोप
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करके उन्हें पहुंचाएं. आरोपों के बाद दिल्ली में शरद पवार के घर पर एनसीपी की बैठक हुई, जिसमें एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, अजित पवार, सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल शामिल हुए. बैठक के बाद शरद पवार ने कहा कि परमबीर सिंह की चिट्ठी में लगाए गए आरोप गंभीर जरूर हैं, लेकिन इसमें कोई सबूत नहीं दिया गया है. इन आरोपों की गहन जांच की जरूरत है और उद्धव ठाकरे इस मामले में आखिरी फैसला लेंगे.
Bureau Report
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