Monsoon Session 2021: लोक सभा में पीएम मोदी जैसे ही बोलने के लिए उठे, विपक्षी दलों ने शुरू किया हंगामा

नईदिल्ली: मॉनसून सत्र के पहले दिन लोक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही बोलने के लिए उठे, विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस सांसद महंगाई पर और अकाली व बसपा सांसद किसानों के मुद्दे पर वेल में आ गए. प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे लगा था कि आज उत्साह का दिन होगा, लेकिन दलित, महिलाओं और OBC के लोगों को मंत्री बनाए जाने की बात विपक्ष को हजम नहीं हो रही है. हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने कोरोना के दौरान जिन सांसदों की मौत हुई, उनके बारे में जानकारी देनी शुरू कर दी.

पेट्रोल-डीज़ल और एलपीजी गैस की बढ़ती कीमतों के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए तृणमूल कांग्रेस के सांसद साइकिल से संसद पहुंचे.

संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत हो गई है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘देश की जनता, जो जवाब चाहती है सरकार सब जवाब देने को तैयार है. विपक्ष से आग्रह है कि सभी मुद्दों पर चर्चा के बाद सरकार का जवाब भी सुनने को तैयार रहें. ताकि जनता तक बातें पहुंच सके. महामारी के खिलाफ लड़ाई में कमियां रह गई हो तो दूर किया जा सकता है.’

वैक्सीन लगने से बाहुबली बन जाते हैं: पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने मॉनसून सत्र से पहले मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि आप सबको वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग गई होगी. वैक्सीन बाहु पर लगती है और जब वैक्सीन बाहु पर लगती है तो आप बाहुबली बन जाते हैं. अब तक 40 करोड़ से ज़्यादा लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बाहुबली बन चुके हैं.

मॉनसून सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद पहुंच गए हैं. संसद पहुंच कर पीएम मोदी ने कहा, ‘विपक्ष धारदार सवाल पूछे, लेकिन जवाब भी सुने. हम विपक्ष से हर चर्चा के लिए तैयार है.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सदन और सदन से बाहर दोनों जगहों पर चर्चा करेंगे.

बीजेपी नेता और राज्य सभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा, ‘विपक्ष से अपील है की सकारात्मक रवैया अपनाए, संसद की कार्यवाही को बाधित करना जनता के साथ धोखा है. बिल तो आसानी से पारित हुए है और आगे भी होंगे.’ केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा, ‘मायावती मुद्दे उठाएं, स्वस्थ डिबेट हो और हल्ला नहीं होना चाहिए. डॉ आंबेडकर के मिशन को लेकर चलने वाली मायावती जब किसी जाती की बात करती हैं तो ये बाबासाहब के मिशन पर कुठाराघात है. उन्हें जातिवाद से मतलब है, वो क्या जनता का काम करेंगी.’

विपक्षी पार्टियों ने स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया

कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी और जसबीर सिंह गिल ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर सदन में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया. आम आदमी पार्टी के लोक सभा सांसद भगवंत मान ने भी स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया. कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई पर चर्चा करने के लिए सदन में कार्यस्थगन नोटिस दिया.

विपक्षी पार्टियां लाएंगी स्थगन प्रस्ताव

सरकार को घेरने की अपनी रणनीति के तहत कई विपक्षी दल किसानों के मुद्दे को लेकर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे हैं. सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्षी दलों ने संसद में रणनीति पर चर्चा के लिए अलग से बैठकें कीं. विपक्षी दल की बैठक के बाद आरएसपी नेता एन. के. प्रेमचन्द्रन ने बताया कि विभिन्न विपक्षी पार्टियां किसानों के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव लाएंगी. विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ((माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), आईयूएमएल, आरएसपी, शिवसेना और आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने हिस्सा लिया. बता दें कि किसान यूनियन पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में और अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

सरकार विभिन्न मुद्दों पर उपयोगी चर्चा करने के पक्ष में: पीएम मोदी

संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक में 33 पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि नियम के मुताबिक हर मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि सरकार संसद में विभिन्न मुद्दों पर उपयोगी चर्चा करने के पक्ष में है. बाद में जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने सदन में विभिन्न दलों के नेताओं से कहा कि देश की स्वस्थ लोकतंत्र की परंपरा, लोगों से जुड़े मुद्दों को सौहार्दपूर्ण तरीके से उठाया जाना चाहिए और सरकार को इन चर्चाओं पर प्रतिक्रिया देने का विकल्प देना चाहिए.

विपक्ष कर रहा इन मुद्दों पर घेरने की तैयारी

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की कथित कमी और राज्यों को टीके के वितरण के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. विपक्ष पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि को लेकर भी सरकार से जवाब मांगेगा. उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को संसद सदस्यों से अपील की कि महामारी के बीच वे लोगों के साथ खड़े हों और सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करें.

पेश हो सकते हैं 17 अहम विधेयक

सरकार ने इस सत्र के दौरान 17 नए विधेयकों को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया है. इनमें से तीन विधेयक हाल में जारी अध्यादेशों के स्थान पर लाए जाएंगे. इनमें से एक अध्यादेश 30 जून को जारी किया गया था, जिसके जरिए रक्षा सेवाओं में शामिल किसी के विरोध प्रदर्शन या हड़ताल में शामिल होने पर रोक लगाई गई है. आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 आयुध फैक्टरी बोर्ड (OFB) के प्रमुख संघों द्वारा जुलाई के अंत में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी देने की पृष्ठभूमि में लाया गया है. संबंधित संघ ओएफबी के निगमीकरण के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं.

लोकसभा द्वारा 12 जुलाई को जारी बुलेटिन के मुताबिक अध्यादेश का स्थान लेने के लिए आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021 को सूचीबद्ध किया गया है. वहीं, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग-2021 अन्य विधेयक है जो अध्यादेश की जगह लाया जाएगा.

सरकार आज से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान कई विधेयकों को पारित कराने के एजेंडे के साथ सदन में जाएगी. वहीं, विपक्ष भी कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के तरीके, ईंधन की कीमतों में वृद्धि और किसान आंदोलन के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है.

आज से शुरू हो रहा है संसद का मॉनसून सत्र

संसद का मॉनसून सत्र आज (19 जुलाई) को शुरू हो रहा है और सदन की कार्यवाही 13 अगस्त तक चलेगी. दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे एक ही समय पर शुरू होगी.

Bureau Report

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