अफगानिस्तान से अमेरिका की बेरुखी:राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा अफगानियों को तालिबान से खुद ही लड़ना होगा, अमेरिकी सेना वापस बुलाने का अफसोस नहीं

अफगानिस्तान से अमेरिका की बेरुखी:राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा अफगानियों को तालिबान से खुद ही लड़ना होगा, अमेरिकी सेना वापस बुलाने का अफसोस नहीं
U.S. President Joe Biden delivers remarks on the administration's continued drawdown efforts in Afghanistan in a speech from the East Room at the White House in Washington U.S., July 8, 2021. REUTERS/Evelyn Hockstein

अफगानिस्तान के 65% हिस्से पर तालिबान कब्जा जमा चुका है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगान नेताओं से अपनी मातृभूमि के लिए लड़ने की अपील की है। बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा कि अफगान नेताओं को एक साथ आना होगा। अफगान सैनिकों की संख्या तालिबान से अधिक है और उन्हें लड़ना चाहिए। उन्हें अपने देश के लिए लड़ना होगा।

बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान से सेनाएं वापस बुलाने का उन्हें अफसोस नहीं है। उन्होंने कहा कि US अफगान सेना को हवाई सहायता, भोजन, इक्विपमेंट और सैलेरी देना जारी रखेगा। इसके बावजूद कि US ने अफगानिस्तान में 20 साल में 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक खर्च किया और हजारों सैनिकों को खो दिया।

US ने अफगान बलों के 3 लाख सैनिकों को ट्रेनिंग दी: बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हमने अफगान बलों के 3 लाख से अधिक सैनिकों को ट्रेनिंग दी। अब उन्हें जिम्मेदारी संभालनी होगी। मालूम हो कि बाइडेन ने 11 सितंबर तक युद्धग्रस्त देश से सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी का आदेश दिया है। पेंटागन ने बताया कि अब तक वहां से 90% से अधिक सैनिक स्वदेश लौट चुके हैं।

दहशतगर्दों को तबाह करने गया था अमेरिका: व्हाइट हाउस
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि अमेरिका उन लोगों को न्याय दिलाने के लिए अफगानिस्तान गया था जिन पर 11 सितंबर को हमला किया गया। वह उन दहशतगर्दों को तबाह करने गया था, जो US पर हमला करने के लिए अफगानिस्तान को सुरक्षित पनाहगाह बनाना चाह रहे थे।

5 दिन के भीतर 5 राजधानियों पर कब्जा
5 दिन के भीतर में तालिबान ने पांच प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा किया। उत्तर में कुंदूज, सर-ए-पोल और तालोकान पर अब उसका कब्जा है। ये शहर अपने ही नाम के प्रांतों की राजधानियां हैं। तालिबान ने दक्षिण में ईरान की सीमा से लगे निमरोज प्रांत की राजधानी जरांज पर कब्जा कर लिया है। उजबेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान सीमा से लगे नोवज्जान प्रांत की राजधानी शबरघान पर भी अब उसका शासन है।

काबुल भी सुरक्षित नहीं, तालिबान के हमले जारी
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल देश के दूसरे हिस्सों के मुकाबले सुरक्षित है, लेकिन पिछले बुधवार को काबुल में तालिबान के आत्मघाती लड़ाकों ने एक बेहद दुस्साहसिक हमले में रक्षा मंत्री के घर को निशाना बनाया था। इस हमले में 8 नागरिक मारे गए और दर्जनों घायल हुए। यह बीते एक साल में काबुल पर तालिबान का सबसे बड़ा हमला था।

इस हमले के बाद तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने भास्कर को भेजे एक लिखित बयान में कहा, ‘इस्लामी अमीरात की शहीद बटालियन का ये हमला काबुल सरकार के प्रमुख लोगों के खिलाफ तालिबान के हमलों की शुरुआत है। हम आगे भी ऐसे हमले करेंगे।’

इसके अगले ही दिन, यानी पिछले शुक्रवार को तालिबान ने अफगानिस्तान सरकार के मीडिया प्रमुख दावा खान मेनापाल की काबुल में हत्या कर दी थी।

Bureau Report

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