न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र के 76वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा है कि उन्होंने भारत में बनी कोरोनावायरस की वैक्सीन कोविशील्ड का डोज लगवाया है। वैक्सीन के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने यह बात कही। शाहिद ने कहा, “दुनिया की बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने भी यही वैक्सीन ली है। बता दें कि कोविशील्ड का निर्माण ब्रिटिश- स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनिका ने किया है और इसका उत्पादन भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट के द्वारा किया जाता है।
अब्दुल्ला शाहिद ने कहा – वैक्सीन का मामला काफी संवेदनशील है। मैने भारत में बनी कोविशील्ड की दो डोज ली हैं। मुझे नहीं पता की कितने देशों में यह मान्य है और कितनों में नहीं, लेकिन दुनियाभर के कई देशों में बड़ी संख्या में लोगों ने इसी वैक्सीन को लिया है। अब्दुल्ला से पूछा गया था कि लोगों को किसी भी सामान्य वैक्सीन की डोज लेनी चाहिए या फिर सिर्फ उनकी जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य संस्थाओं से मान्यता मिली हैं। अब्दुल्ला ने आगे कहा कि डॉक्टर ही इस बात का सही जवाब देंगे न की मैं।
कोरोना संकट में भारत ने की कई देशों की मदद
भारत ने कोरोना संकट के दौर में लगभग 100 देशों को कोरोना वैक्सीन की 6.6 करोड़ डोज भेजी थी। अब्दुल्ला शाहिद का खुद का देश मालदीव वैक्सीन की मदद पाने वाले शुरुआती देशों में शामिल था। जनवरी में भारत ने वहां कोविशील्ड की एक लाख डोज भेजी थी। अब तक अलग-अलग माध्यमों से मालदीव को 3.12 लाख भारत निर्मित वैक्सीन मिल चुकी हैं।
भारत और ब्रिटेन कोवीशील्ड को लेकर हैं आमने-सामने
अब्दुल्ला का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर भारत और ब्रिटेन के बीच विवाद जारी है। ब्रिटेन ने कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक़ लेने के बावजूद ब्रिटेन आने वाले भारतीयों के लिए 10 दिन के अनिवार्य क्वारंटीन का नियम लागू करने का फैसला किया है। इसके जवाब में भारत ने भी ब्रिटिश नागरिकों को भारत आने पर 10 दिन का अनिवार्य क्वारंटीन और आने से पूर्व व बाद में कोरोना परीक्षण जैसी सख्त शर्तें लगा दी हैं।
Bureau Report
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