नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। विशेष उल्लेख (नियम संख्या 280) के तहत विधानसभा सत्र की कार्यवाही शुरू की गई है। दिल्ली में विपक्ष ही नहीं, सत्ता पक्ष के विधायक भी अपने विधानसभा क्षेत्र में बुनियादी समस्याओं से खासे परेशान हैं। विधायक आज दूसरे दिन भी अपने क्षेत्र की समस्याएं सदन में उठा रहे हैं। साथ ही विधानसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ाई गई है। अब शुक्रवार को भी सदन चलेगा।
इससे पहले सत्र में पहले दिन यानी बुधवार को पानी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में खासी तकरार देखने को मिली। विपक्ष ने जहां गंदे पानी की आपूर्ति, पाइपलाइन एवं जल बोर्ड के हजारों करोड़ के कर्ज में डूबने के मुद्दे को उठाया, वहीं सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाए, लेकिन सारा ठीकरा उपराज्यपाल वीके सक्सेना व वित्त सचिव पर फोड़ दिया।
आज की कार्यवाही का अपडेट-
संजीव झा- अपनी अनाधिकृत कॉलोनी केशव नगर (बुराड़ी) में कई लोगों के पास कन्वेंस डीड होने के बावजूद डीडीए ने वहां बुलडोजर चलाया। इस पर एलजी साहब संज्ञान लें।
जरनैल सिंह – स्कूलों में EWS के कोटे में धांधली चल रही। लिस्ट में नाम आने के बाद भी नहीं मिल रहा दाखिला। शिक्षा मंत्री इस पर ध्यान दें।
राजेश ऋषि – कोचिंग सेंटरों और ओयो होटल बिना फायर एनओसी के ही चल रहे हैं। पता नहीं एमसीडी इनको लाइसेंस कैसे दे देती है? अब एमसीडी इन्हें नोटिस देकर जवाब मांग रहे हैं। सवाल यह है कि बिना लाइसेंस ये खुल कैसे गए? एमसीडी इसके लिए एक कमेटी बनाए।
अजय महावर – मेरे विस् क्षेत्र में दो गांव हैं। एक गढ़ी मांडू और उस्मानपुर। दोनों ओ जोन में हैं। हजारों लोग रहते हैं। अगर वहां साढ़े तीन से चार किमी का बांध बना दिया जाए। इससे परेशानी खत्म हो सकेगी।
मुकेश अहलावत – मेरे विधानसभा क्षेत्र में 12 साल से एक पल बन रहा है। सभी वहां फैली अव्यवस्था से परेशान हैं। इस हालत में सुधार के निर्देश दिए जाएं।
ऋतुराज – किराड़ी में एक भी अस्पताल नहीं। वहीं, संजय गांधी अस्पताल की हालत खस्ताहाल है।
मैं आवाज ही उठा सकता हूं और मैं कर भी क्या सकता हूं।
विजेंद्र गुप्ता – नई बुजुर्ग पेंशन नहीं बन रही। पांच साल से बंद है यह पेंशन। लोग आर्थिक रूप से परेशान, 75 हजार करोड़ के बजट का दावा करने वाली सरकार के पास एक कौड़ी नहीं। एक हेल्प डेस्क भी बनाई जानी चाहिए। संभव हो तो हर विधायक कार्यालय में यह हेल्प डेस्क हो।
अब्दुल रहमान- स्कूल की समस्या को लेकर ढाई साल हो गए, स्कूल का भवन नहीं बन रहा। बच्चे परेशान हैं। आठ सौ मीटर दूर जाना पड़ता है।
अभय वर्मा – रोड कटिंग से सड़कों की हालत खराब। लक्ष्मी नगर में तैंतीस सड़कों की स्कीम जमा कराई। लेकिन सड़क का निर्माण शुरू नहीं हुआ।
राजेन्द्र पाल गौतम- अस्पताल की समस्या। मशीनें काम नहीं कर रही। चाचा नेहरू, राजीव गांधी, दिल्ली कैंसर अस्पताल। मरीज परेशान।
बंदना कुमारी- शालीमार बाग में यातायात जाम की समस्या।
अनिल कुमार बाजपेयी- गांधी नगर में दमकल केंद्र नहीं है।
राजेश गुप्ता- टीपीडीडीएल हमारे इलाकों में स्ट्रीट लाइटें दुरुस्त कराएं।
जल बोर्ड को लेकर चले शब्दों के बाण, याचिका समिति में गया मामला
विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़ला ने बुधवार को विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही के दौरान जल बोर्ड में धन की कमी का मुद्दा विधानसभा की याचिका समिति को भेजकर एक माह में रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए।
सत्तापक्ष के सदस्य दिनेश मोहनिया द्वारा विधानसभा में पेश ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए बिजवासन से आप विधायक भूपिंदर सिंह जून ने कहा था कि दिल्ली की सभी विधानसभा क्षेत्रों में पिछले एक-डेढ़ साल से जल बोर्ड का काम ठप पड़ा है।
वहीं, देवली से आप विधायक प्रकाश जारवाल ने कहा था कि इससे अच्छा तो भाजपा वाले जहर दे दें, एक ही बार मे काम हो जाएगा। दरअसल, आम आदमी पार्टी के विधायकों का कहना है कि वो अपने क्षेत्र में जल बोर्ड से संबंधित कार्य को लेकर अधिकारी के पास फाइल भेजते हैं तो वित्त सचिव उस पर आपत्ति लगाकर लौटा देते हैं।
उपराज्यपाल ने विधानसभा सत्र पर जताई आपत्ति
एलजी वीके सक्सेना ने विधानसभा सत्र बुलाए जाने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि सत्र नियमों के मुताबिक नहीं बुलाया जा रहा है। सत्रावसान नहीं होता बल्कि एक सत्र को कई हिस्सों में चलाया जाता है। इस मुद्दे पर विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़ला ने कहा कि एलजी की टिप्पणी तार्किक नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल की अनुपस्थिति में बुधवार को स्पीकर की जिम्मेदारी संभाल रहीं राखी ने सदन में कहा कि एलजी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। इसमें सक्सेना ने दो दिवसीय सत्र पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि सत्र के आयोजन से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि एलजी की टिप्पणी सही नहीं है क्योंकि बुधवार को शुरू हुआ सत्र अप्रैल में बुलाए गए पिछले सत्र की निरंतरता में है।
इससे पहले, एलजी ने अप्रैल में आयोजित सत्र में भी गंभीर प्रक्रियात्मक खामियों का मुद्दा उठाया था। अप्रैल में विधानसभा सत्र आबकारी नीति मामले के संबंध में पूछताछ के लिए केजरीवाल को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) से समन प्राप्त होने के बाद बुलाया गया था।
बिड़ला ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष को नियमों के तहत यह शक्तियां प्राप्त है कि वह किसी भी समय सत्र बुला सकते हैं, चाहे क्यों न सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया हो। अगर कैबिनेट के द्वारा सत्रावसान करने की अनुशंसा नहीं की जाती है तो ऐसे में विशेष सत्र बुलाने के लिए एलजी की अनुमति की जरूरत नहीं है।
Bureau Report
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