लखनऊ: अमेठी से लखनऊ आईं केंद्रीय कपड़ा उद्योग मंत्री स्मृति र्इरानी को एक अजीबोगरीब वाकये का सामना करना पड़ा। उनके काफिले में फंसे एक युवक ने उनका पीछा किया। र्इरानी जैसे ही वीवीआईपी गेस्ट हाउस पहुंचीं तो युवक भी उन तक पहुंच गया। वह मंत्री के सामने ही जोर-जोर से चीखने लगा। र्इरानी ने उसे शांत किया और मसला पूछा। युवक ने बताया कि मुझे आपके काफिले में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने इस तरह हटाया कि मेरी जान जाते-जाते बची। यही वीआईपी कल्चर अखिलेश सरकार में था, वही आपके यहां है।
स्मृति र्इरानी अमेठी के दो दिन के दौरे के बाद रविवार को लखनऊ पहुंची थीं। अमौसी एयरपोर्ट से वह सीधे वीवीआईपी गेस्ट हाउस पहुंचीं। यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी थी। मीडिया कर्मी पहले से मौजूद थे। इरानी जैसे ही गाड़ी से उतरीं एक युवक आया और हंगामा करने लगा। र्इरानी ने पूछा कि आप कहां से हैं, कौन हैं? इस पर उसने साफ किया कि वह आम नागरिक है।
स्मृति र्इरानी ने उसे शांत किया और कहा कि आप अपना नाम बताइए और समस्या क्या है? बीपी मत बढ़ाइए, पूरी बात बताइए। युवक ने बताया कि उसका नाम प्रदीप सिंह है। वह कैंट में अपने भाई के साथ गाड़ी से आ रहा था। तभी आपका काफिला गुजरा। सुरक्षा कर्मियों ने हाथ देकर उन्हें किनारे हटने का इशारा किया। फिर वे गाड़ी हटाने के लिए जोर-जोर से चिल्लाए। सड़क पर और जगह नहीं थी, जहां मैं हट सकता। हड़बड़ाहट में गाड़ी का बैलेंस भी बिगड़ा। जान जाते-जाते बची है। मेरा बीपी बढ़ गया।
युवक ने कहा कि मैंने तय किया कि काफिले में जो भी वीआईपी हो उससे अपनी बात जरूर कहूंगा। मेरा विरोध इस वीआईपी कल्चर से है। हालांकि मैं आपका ही सपोर्टर हूं और वोट भी दिया है। आपसे मुझे कोई शिकायत नहीं है। मैं यही कहना चाहता हूं कि जो वीआईपी कल्चर अखिलेश सरकार में था, वही आपके यहां है। आम आदमी तब भी परेशान होता था और अब भी हो रहा है।
Bureau Report
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