सरिस्का में फिर बिछ रहा ‘शिकारी जाल’, 14 दिन से बाघों की रेकी कर रहे थे शिकारी, तीन को पकड़ा

सरिस्का में फिर बिछ रहा 'शिकारी जाल', 14 दिन से बाघों की रेकी कर रहे थे शिकारी, तीन को पकड़ाजयपुर: सरिस्का के आसपास के गावों से चोरी छिपे प्रतिबंधित वन क्षेत्र में शिकारियों ने फिर से जाल बिछाना शुरू कर दिया है। कुछ दिनों पहले भी पुलिस और वन विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए कई शिकारियों को दबोचा था। अब एक बार फिर वन विभाग की टीम ने तीन शिकारियों को पकड़ा है। इनमें दो बाल अपचारी और एक युवक शामिल है। तीनों उस जगह पर मौजूद थे जहां पर बाघों की मूवमेंट रहता है। बाघों के क्षेत्र में शिकारियों के घुसने के मामले ने पुलिस और वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है।

दो हफ्तों से कर रहे थे रेकी

वन पाल और अन्य वन कर्मियों के अनुसार रैणी के जामडोली के वन क्षेत्र ठेकड़ा की खोल कुंडाल धाम पर स्थित डेरों के बारे में वन विभाग को सूचना मिली थी। जांच कि तो पाया कि चार डेरे मौके पर बने हुए थे। लेकिन उस समय वहां ज्यादा लोग नहीं थे। वन विभाग की टीम ने जिस युवक को अरेस्ट किया उसने बताया कि करीब दो सप्ताह से यहां पर हैं और जंगली सुअर का मांस पकाकर खा रहे हैं। विभाग के लोगों का कहना है कि ये शिकारी बाघ का शिकार करने की फिराक में थे।

देसी हथियार, मांस, नाखून और खाल बरामद

दबिश के दौरान डेरों की तलाशी लेने पर जंगली सुअर का कच्चा व पका मांस मिला। टीम ने डेरों से पानीनाथ नांगल गांव निवासी कमल बावरिया को गिरफ्तार किया। यहां दल ने दो नाबालिगों को भी पकड़ा। वन विभाग के एसीएफ राजीव लोचन पाठक ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों से सिंगल बैरल की एक टोपीदार बन्दूक बिना नम्बरी, जंगली सुअर के बाल, कछुए की खोल के टुकड़े, एक छुर्रा, दो चाकू, एक गिलोल, एक टांच्या बरामद किया गया। वनपाल ने बताया कि दबिश के दौरान अन्य शिकारी फरार हो गए। जिनकी तलाश की जा रही है।

बाघ एसटी 13 थी निशाने पर

राजगढ़ रेंज के सदर नाका के वनपाल बसंत कुमार मेघवाल ने बताया कि बाघ एसटी 13 की ट्रैकिंग के लिए नियुक्त वन कर्मचारियों को सूचना मिली कि करीब बारह दिन से कुछ लोग डेरा डालकर जामडोली के वन क्षेत्र में रह रहे हैं। जिसके बाद कार्रवाई की गई। 

Bureau Report

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