नईदिल्ली: यह कहावत तो आपने सुनी होगी ‘पढ़ोगे- लिखोगे बनोगे नवाब…’, लेकिन एक नई रिपोर्ट के आधार पर यह कहावत गलत साबित हो रही है. जी हां, जॉब और करियर पोर्टल मॉन्स्टर की तरफ से जारी इंडेक्स के मुताबिक पिछले तीन साल में स्नातक करने वाले लोगों की सैलरी में 37 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं 12वीं पास करने वालों की सैलरी में इजाफा हुआ है.
ऑनलाइन जॉब पोर्टल मॉन्स्टर की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2014 से 2016 के दौरान 12वीं करने वालों के वेतन में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन स्नातक के वेतन में बढ़ोतरी के बजाय कमी दर्ज की गई है. पोर्टल के मुताबिक 12वीं पास करने वालों की सैलरी करीब 9 प्रतिशत तक बढ़ी है, वहीं पोस्ट ग्रेजुएट के मामले में यह आंकड़ा 5 प्रतिशत है. ग्रेजुएट्स के आंकड़े चौकाने वाले हैं और उनकी सैलरी में 37 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है.
इंडेक्स से साफ हुआ है कि बैंकिंग, फाइनेंस और इंश्योरेंस सेक्टर में युवाओं को सबसे ज्यादा सैलरी मिल रही है, जबकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा. मैन्युफैक्चरिंग में सबसे ज्यादा 16% तक की गिरावट दर्ज की गई. वहीं ट्रांसपोर्ट और कम्यूनिकेशन सेक्टर में भी औसत सैलरी घटी है. सबसे ज्यादा 40% बढ़ोतरी फाइनेंशियल सर्विसेज, बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर में रही है.
सैलरी इंडेक्स में अलग-अलग सेक्टर में काम करने वाले लोगों की एजुकेशन के हिसाब से प्रति घंटे मिलने वाली सैलरी का आकलन भी किया गया है. इसमें पिछले 3 साल में सबसे ज्यादा प्रतिशत ग्रोथ सेकेंडरी तक पढ़े लोगों की सैलरी में हुई है. हालांकि उनकी सैलरी पोस्ट ग्रेजुएट्स से 161% कम है. रिपोर्ट में 8 कोर सेक्टर शामिल हैं.
एजुकेशन में हर घंटे मिलते हैं 242 रुपये
इंडेक्स के मुताबिक प्रति घंटे मिलने वाली सैलरी के मामले में फाइनेंस, बैंकिंग और इंश्योरेंस के अलावा आईटी और कंस्ट्रक्शन सेक्टर सबसे आगे हैं. सबसे कम सैलरी वाले सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग के बाद एजुकेशन एंड रिसर्च दूसरे नंबर पर है. वहां हर घंटे औसतन महज 242 रुपए मिलते हैं.
Bureau Report
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