बाबा रामदेव खुद बन गए हैं ब्रैंड, बड़ी कंपनियों को मैनेजमेंट के पांच गुण जरूर सीखने चाहिए

बाबा रामदेव खुद बन गए हैं ब्रैंड, बड़ी कंपनियों को मैनेजमेंट के पांच गुण जरूर सीखने चाहिएनईदिल्ली: पतंजलि के उत्पाद आज दुनियाभर में अपनी पकड़ बना चुके हैं. देखा जाए तो बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने बहुत कम समय में कामयाबी की मिसाल कायम की है. कामयाबी जो मजबूती के साथ बनी है. रामदेव ने अपने विश्वनीयता साबित की और लोगों में उनके प्रोडक्ट की विश्वसनीयता अपने आप बन गई. आयुर्वेद से जुड़ी पतंजलि की सफलता का कुछ इतनी है कि आज न सिर्फ भारतीय कंपनियां बल्कि विदेशी मल्टीनेशनल कंपनियों के भी पसीने छूट रहे हैं.

करीब एक साल पहले बाबा रामदेव ने कहा था कि पतंजलि 5000 करोड़ की कंपनी हो गई है और एक साल में यह 10000 करोड़ से ज्यादा की तरक्की करेगी. उन्होंने तब ही कहा था कि यह कंपनी 150 फीसदी से ज्यादा की गति से कामयाबी हासिल करेगी. अब अगर देखा जाए थो बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने यह साबित कर दिखाया है. मई में बाबा रामदेव ने एक कार्यक्रम में यह बताया कि कंपनी ने 10561 करोड़ का कारोबार किया है. उन्होंने जानकारी दी कि कंपनी ने 100 फीसदी की रफ्तार से सफलता की सीढ़ी चढ़ी. 

पतंजलि की कामयाबी के पीछे कुछ कारण हैं. जिन्हें मैनेजमेंट के गुरुओं को बाबा रामदेव से सीखना चाहिए.

1. वही काम किया, जिसकी समझ थी.

किसी भी बिजनेस की सफलता काम की सही जानकारी पर निर्भर करती है. कामयाबी के लिए यह जरूरी है कि काम की पूरी समझ हो. पतंजलि की सफलता के पीछे सबसे बड़ी वजह यह रही कि योग गुरु बाबा रामदेव को योग समेत आयुर्वेद की पूरी जानकारी है. 

2. जो बात कहें वह खुद भी प्रयोग में लाएं

बाबा रामदेव ने योगगुरु के रूप में पहले अपने आप को स्थापित किया. उन्होंने खुद भी उसका पालन किया और सबके सामने उसका प्रचार किया. लोगों में अपने लिए विश्वास पैदा किया और लोगों में योग के प्रति लगाव पैदा किया. योग के साथ उन्होंने सीधे तौर पर नैचुरोपैथी का स्थापित किया. 

3. बाजार और मांग की सही समझ

बाबा रामदेव ने लंबे समय तक योग के जरिए लोगों की सेवा की. लाखों लोगों में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के प्रति विश्वास पैदा किया और हमेशा से इस बात पर जोर दिया कि ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक उत्पादों का सेवन हो. वे हमेशा से स्वास्थ्य को आहार से जोड़कर समझाते रहे. इस बीच साइंस भी कुछ प्राकृतिक उत्पादों पर जो देने लगी. वक्त के अनुसार लोगों में प्राकृतिक उत्पादों को लेकर मांग बढ़ती गई.

4. मांग की पूर्ति और अपने विश्वास को कैश करना

रामदेव ने बाजार के अनुरूप अपने उत्पादों को ढाला और बाजार में उतारा. लोगों में मांग के अनुसार वेराइटी भी बाजार में उपलब्ध कराई. रामदेव खुद एक ब्रैंड बन गए थे और अपने उत्पाद की विश्वस्नीयता उन्हें अपने उत्पादों के विज्ञापन के जरिए भी साबित की. जब देश भर में मैगी के सैंपल फेल हो रहे थे और उस पर बैन लग गया तब बाबा रामदेव ने पतंजलि नूडल्स बाजार में उतार दिए. 

5. उत्पाद की मार्केटिंग का सही फंडा 

बाबा रामदेव लोगों की नब्ज पहचानते हैं. वे अकसर, स्वदेशी, सत्याग्रह और विदेशी कंपनियां हमारे देश को लूट रही हैं जैसी बातें कहते रहते हैं. इन बातों को असर भी होता है और लोग सीधे उनसे जुड़ जाते हैं. 

6. सबसे अहम बात क्वालिटी और कीमत

बाबा रामदेव ने अपने उत्पादों को क्वालिटी का स्थापित तो किया ही साथ ही यह भी बताया कि कीमत भी सबसे कम है. उनके विज्ञापन सीधे अपने समतुल्य कंपनियों के उत्पादों की कीमत पर भी हमला करते दिखे.

Bureau Report

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