नईदिल्ली: फुटबॉल का बड़ा आयोजन अंडर-17 फीफा वर्ल्डकप आते-आते देश में इस खेल को लेकर ‘बुखार’ बढ़ने लगा है. टूर्नामेंट को अभी करीब एक महीना है लेकिन भारत के महान फुटबॉल खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया को लगता है कि आगामी टूर्नामेंट ने अपना प्रभाव पहले ही दिखाना शुरू कर दिया है क्योंकि देश में कई अकादमियों और ग्रुप क्लब खुलने शुरू हो गये हैं. पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान भूटिया ने देश के लिये 100 से ज्यादा मैच खेलने के बाद 2011 में संन्यास ले लिया था. वे फुटबॉल अधिकारियों और विशेषज्ञों के इस विचार से सहमत थे कि छह से 28 अक्टूबर को होने वाला यह टूर्नामेंट ‘भारत में फुटबॉल का परिदृश्य’ बदल देगा.
भूटिया ने 1995 से 2011 तक भारत के लिये खेलने वाले भूटिया ने कहा, ‘इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट से देश को फुटबॉल की लोकप्रियता बढ़ाने की मुहिम में मदद मिलेगी. अगर खिलाड़ी टूर्नामेंट में अच्छे परिणाम हासिल करते हैं तो यह देश और खिलाड़ियों के लिये भविष्य में और बेहतर करने के लिये प्रेरणादायी साबित होगा.’ एक दशक से ज्यादा समय तक भारतीय फुटबॉल के ‘पोस्टर बॉय’ भूटिया ने कहा कि अंडर-17 विश्व कप से देश में फुटबॉल के बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है और पिछले दो वर्षों में कई अकादमियां भी शुरू हो गई हैं.
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की तकनीकी समित के पूर्व चेयरमैन रह चुके भूटिया ने कहा, ‘आयोजन के हिसाब से, मुझे यह अंडर-17 वर्ल्डकप सफल होता दिख रहा है. मुझे लगता है कि यह पहले ही सफल हो गया है.’
Bureau Report
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