नईदिल्ली: हरियाणा के सिरसा में आज बाबा की गुफा का राज आज खुल जाएगा. डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय में सुरक्षाबलों और जिला प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था और कर्फ्यू के बीच तलाशी अभियान शुरू कर दिया. यह तलाशी सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके एस पवार की निगरानी में हो रही है. इन्हें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने नियुक्त किया था. इस तलाशी की वीडियोग्राफी भी की जा रही है. अर्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस के साथ वरिष्ठ पुलिस प्रशासन और पुलिस अधिकारी भी इस तलाशी अभियान में शामिल हैं.
गौरतलब है कि विवादास्पद डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह इंसां से साध्वियों को ‘माफी’ मांगने के लिए मजबूर किया जाता था. डेरे में माफी मांगने का मतलब डेरा प्रमुख गुरमीत से शारीरिक संबंध बनाना था. जिन साध्वियों को माफी का मतलब पता नहीं था, उनके लिए यह उस इंसां द्वारा किया गया दुष्कर्म था, जिसे वह अपना भगवान मानती थीं.
यह जानकारी उस फैसले से सामने आई थी, जिसमें हाल में राम रहीम को 1999 में अपने दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म का दोषी करार दिया गया है. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए राम रहीम को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. न्यायाधीश ने दुष्कर्म के दो मामलों में दस-दस साल की सजा सुनाई. राम रहीम ने बीते महीने अपने जीवन के 50 साल पूरे किए थे.
सीबीआई की जांच का हवाला देते हुए फैसले में बताया गया है कि हरियाणा के सिरसा शहर के पास डेरा सच्चा सैदा के 600 एकड़ के परिसर में मुजरिम का एक गुफा है. एक दुष्कर्म पीड़िता ने अदालत व सीबीआई को बताया कि उसने माफी शब्द दूसरी साध्वियों से सुना था. 167 पृष्ठों के फैसले में दुष्कर्म पीड़िता के बयान के हवाले से कहा गया, दूसरी साध्वियां अक्सर उससे (पीड़िता ‘ए’) से पूछती थीं कि क्या पिताजी (राम रहीम को उसके अनुयायी डेरे में पिताजी कहते हैं) ने उसे माफी दे दी है या नहीं, लेकिन उस समय उसे इस शब्द का मायने नहीं समझ में आया. जब वह उनसे पूछती थी कि माफी का क्या मायने है, तो अक्सर वे उस पर हंसती थीं.”
पीड़िता को डेरा आश्रम के प्रभारी सुदेश 28 अगस्त, 1999 की रात गुफा में राम रहीम के पास ले गया. पीड़िता ने विस्तार से बताया कि गुफा के अंदर क्या हुआ, जिसे वह भगवान मानती थी, उस व्यक्ति ने उसके साथ दुष्कर्म किया.
पीड़िता ने कहा कि राम रहीम ने उससे कहा कि वह अपने पूर्व के कार्यों की वजह से अपवित्र हो गई है और उसे वह पवित्र करने जा रहा है. डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम उस वक्त टीवी सेट पर अश्लील फिल्म देख रहा था. उसके पास बिस्तर पर एक पिस्तौल थी, जिसे हाथ में लेकर उसने पीड़िता साध्वी को धमकाया. दुष्कर्म करने के बाद उसने पीड़िता को किसी से घटना के बारे में न बताने की चेतावनी दी. राम रहीम ने कहा कि यदि उसने किसी को बताया तो उसके परिवार व उसे जान से मार देगा. इसी पीड़िता से डेरा प्रमुख राम रहीम ने सालभर बाद फिर से दुष्कर्म किया. राम रहीम ने लगभग यही तरीका दूसरी पीड़िता ‘बी’ के साथ भी सितंबर 1999 में दुष्कर्म के दौरान अपनाया.
सीबीआई ने अपनी जांच में खुलासा किया कि डेरे के शिविर में रह रहीं 133 साध्वियों में से 24 ने 1997 से 2002 के बीच डेरा छोड़ दिया था. सीबीआई ने वर्ष 2002 में जांच तब शुरू की थी, जब उसे एक अज्ञात पत्र मिला, जिसमें डेरा प्रमुख द्वारा 18 साध्वियों के साथ दुष्कर्म किए जाने की बात लिखी गई थी.
Bureau Report
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