शौक से नहीं पैसे कमाने की मजबूरी से सिंगिंग में आईं थीं आशा भोसले, दोगुनी उम्र का था पहला पति.

शौक से नहीं पैसे कमाने की मजबूरी से सिंगिंग में आईं थीं आशा भोसले, दोगुनी उम्र का था पहला पति.मुंबई: पूरे देश में आशा ताई के नाम से मशहूर आशा भोसले 83 साल की हो गईं हैं। आशा भोसले, आशा ताई, आशा जी, ऐसे कई सारे नाम हैं जो प्यार से आशा भोसले को दिए गए हैं। बता दें 1000 से ज्यादा फिल्मों में 20 भाषाओं में 12000 से भी ज्यादा गीत गा चुकी हैं आशा ताई। बता दें आशा भोसले ने 10 साल की उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था।
 
मजबूरी में गाना किया था शुरु
आशा भोसले का जन्म 8 सितम्बर 1933 को ब्रिटिश इंडिया के सांगली स्टेट में हुआ था। आशा ताई मशहूर थिएटर एक्टर और क्लासिकल सिंगर ‘दीनानाथ मंगेशकर’ की बेटी और स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर की छोटी बहन हैं। जब वो सिर्फ 9 साल की थीं तब उनके पिता का देहांत हो गया था, जिसकी वजह से उन्होंने अपनी बहन लता मंगेशकर के साथ मिलकर उन्होंने परिवार के सपोर्ट के लिए सिंगिंग और एक्टिंग शुरू कर दी थी।
 
बता दें आशा ताई जब सिर्फ 16 साल की थीं तो उन्होंने 31 साल के गणपतराव भोसले से घर वालों के विरुद्ध जाकर भागकर शादी कर ली थी लेकिन ससुराल में माहौल सही ना होने पर पति और ससुराल को छोड़कर अपने दो बच्चों के साथ मायके चली आई थी और फिर से सिंगिंग शुरू कर दी थी।
 
रिजेक्टेड सॉन्ग्स को गाती थीं ताई
आशा जी ने 1943 की मराठी फिल्म ‘माझा बल’ में पहला गीत ‘चला चला नव बाला’ गाया था। वहीं हिंदी फिल्मों में आशा ताई ने 1948 में हंसराज बहल की फिल्म ‘चुनरिया’ में पहला गीत ‘सावन आया’ गाया था। उस जमाने में जब गीता दत्त, शमशाद बेगम और लता मंगेशकर का नाम हर तरफ हुआ करता था, आशा भोसले को वो गीत दिए जाते थे जिन्हे ये तीनो गायक छोड़ दिया करते थे। यही कारण है कि‍ 50 के दशक में वैम्प्स, बैड गर्ल्स या सेकंड ग्रेड की फिल्मों में ज्यादातर आशा ताई गीत गाया करती थी।
 
मोहम्मद रफी के साथ मिला नाम
फिल्म मेकर बिमल रॉय ने 1953 की फिल्म ‘परिणीता’ में उन्हें गाने का मौका दिया था, वहीं राज कपूर ने भी 1954 की फिल्म बूट पॉलिश में आशा जी को मोहम्मद रफी के साथ गीत गाने का अवसर दिया था। बी आर चोपड़ा की 1957 में आई हुई फिल्म ‘नया दौर’ ने आशा ताई’ को उच्च कोटि की सिंगर का दर्जा दे दिया जब उन्होंने मोहम्मद रफी के साथ ‘मांग के साथ तुम्हारा’, ‘उड़ें जब जब जुल्फें’ और ‘साथी हाथ बढ़ाना’ जैसे गीतों को अपनी आवाज दी थी।
 
मोहम्मद रफी के साथ मिला नाम
फिल्म मेकर बिमल रॉय ने 1953 की फिल्म ‘परिणीता’ में उन्हें गाने का मौका दिया था, वहीं राज कपूर ने भी 1954 की फिल्म बूट पॉलिश में आशा जी को मोहम्मद रफी के साथ गीत गाने का अवसर दिया था। बी आर चोपड़ा की 1957 में आई हुई फिल्म ‘नया दौर’ ने आशा ताई’ को उच्च कोटि की सिंगर का दर्जा दे दिया जब उन्होंने मोहम्मद रफी के साथ ‘मांग के साथ तुम्हारा’, ‘उड़ें जब जब जुल्फें’ और ‘साथी हाथ बढ़ाना’ जैसे गीतों को अपनी आवाज दी थी।
 
ओ पी नय्यर से ए आर रहमान तक
आशा ताई को ‘पॉप क्रूनर’ और ‘कैबरे सिंगर’ का खिताब दिया गया था लेकिन उन्होंने ‘उमराव जान’ फिल्म में रेखा पर फिल्माई गई गजलों जैसे ‘इन आंखों की मस्ती के’, ‘दिल चीज क्या है’ को गाकर बता दिया कि‍ वह एक गजब की वर्सेटाईल सिंगर हैं। आशा जी ने ओ पी नय्यर, खय्याम, रवि, सचिन देव बर्मन, राहुल देव बर्मन, इल्लिया राजा, ए. आर रहमान, जयदेव, शंकर जयकिशन, अनु मलिक, मदन मोहन जैसे मशहूर संगीतकारों के लिए भी अपनी आवाज दी है।
 
आर डी बर्मन से की थी दूसरी शादी
आशा जी ने 1980 में आर डी बर्मन के साथ शादी की, यह आशा भोसले और पंचम दोनों के लिए दूसरी शादी थी। शादी के वक्त पंचम दा, आशा ताई से 6 साल छोटे थे। आशा भोसले को 7 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड , 2 बार नेशनल अवॉर्ड, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है। 1997 में आशा भोसले पहली भारतीय सिंगर बनी जिन्हे ग्रैमी अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया था।
 
ये हैं कुछ मशहूर गाने
1. गरीबों की सुनो (दस लाख़ – 1968)
2. पर्दे में रहने दो (शिकार – 1969)
3. पिया तू अब तो आजा (कारवां – 1972)
4. दम मारो दम (हरे राम, हरे कृष्णा – 1973)
5. होने लगी है रात( नैना-1974)
6. चैन से हमको कभी (प्राण जाए पर वचन ना जाए- 1975)
7. ये मेरा दिल प्यार का दीवाना (डॉन-1979)
7. हाय रामा (रंगीला 1996)
8. दिल चीज क्या है ( उमराव जान 1981)
9. मेरा कुछ सामान (इज्जत-1986)

Bureau Report

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