नईदिल्लीः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को सिद्धारमैयासरकार पर प्रहार किया और कहा कि जिस तरह हिंदुओं और बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है वह ‘अराजकता की दशा’ को दर्शाता है.
उन्होंने हुबली में बीजेपी की एक रैली में कहा कि कोई भी बीजेपी को विधानसभा चुनाव के बाद कर्नाटक में सरकार बनाने से नहीं रोक सकता. उन्होंने कांग्रेस पर 18 वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के प्रति सम्मान प्रदर्शित कर भारत की समृद्ध परंपरा को अपमानित करने का आरोप लगाया. कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा टीपू जयंती मनाये जाने से बड़ा विवाद पैदा हो गया है तथा इस मुद्दे पर लोगों की राय बंट गयी.
आदित्यनाथ ने कर्नाटक को हनुमान की जमीन बताते हुए और विजयनगर साम्राज्य का जिक्र करते हुए कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस हनुमान और विजयनगर की पूजा करने के बजाय टीपू सुल्तान की पूजा कर रही है.
उन्होंने हाल के दो विधानसभा चुनावों का उल्लेख करते हुए कहा , ‘‘यह मानसिकता का अंतर है क्योंकि कांग्रेस देश भर में माफिया राज लागू करना चाहती है जो राहुल गांधी को धरोहर में मिला है. कर्नाटक को इसे खारिज करना होगा जैसे गुजरात एवं हिमाचल ने किया है. यदि कर्नाटक एक ही बार में कांग्रेस को खारिज कर देती है तो कोई भी टीपू सुल्तान की पूजा करने नहीं आएगा. ’’ उन्होंने प्रदेश बीजेपी की ‘परिवर्तन यात्रा’ रैली में कहा, ‘‘जिस तरह हिंदू और बीजेपी कार्यकर्ताओं की नृशंस हत्या की जा रही है, ऐसे में उनके जीवन पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है और यह कर्नाटक में कांग्रेस शासन में अराजकता की दशा को दर्शाता है. ’’
योगी आदित्यनाथ के विवादित बयान पर पलटवार करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि, ‘मैं आदित्यनाथ से बेहतर हिंदू हूं, क्या सिर्फ बीजेपी के लोग ही हिंदू हैं?, मेरा नाम सिद्धारमैया है, जिसमें सिद्ध भी है और राम भी, क्या बीजेपी ने हिंदुओं का मालिकाना हक लिया हुआ है? हम भी हिंदू हैं, लेकिन हम सभी धर्मों का सम्मान करते है. हम सभी धर्म को बराबर मानते है, यह हमारी संस्कृति है, यही असली हिंदुत्व है’
सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि बीजेपी कर्नाटक चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से कट्टरपंथियों को बढ़ावा देने का काम कर रही है.
आपको बता दें कि कर्नाटक में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होंगे. जहां भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि एक बार फिर सत्ता में वापसी करेगी. बीजेपी राज्य में 2008 में अपने दम पर सत्ता में आई थी, लेकिन 2012 में राज्य नेतृत्व में विभाजन के बाद 2013 में चुनाव हार गई थी. येदियुरप्पा ने पार्टी से अलग होकर 2012 में कर्नाटक जनता पार्टी का गठन कर लिया था. साल 2014 में येदियुरप्पा ने वापस बीजेपी ज्वाइन कर ली थी.
Bureau Report
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