नईदिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत सोमवार (5 मार्च) से हो रही है. पंजाब नैशनल बैंक में करीब 12000 करोड़ के धोखाधड़ी के आरोपी नीरव मोदी के विदेश भागने के मुद्दे पर विपक्ष केंद्र को घेरने की तैयारी में है. संसद के दोनों सत्रों की बैठक करीब एक माह के अंतराल के बाद शुरू होने जा रही है. इस दौरान भगोड़े आर्थिक अपराधी विधेयक और तीन तलाक संबंधी विधेयक को पारित कराना सरकार के एजेंडे में शीर्ष स्थान पर होगा. हीरा व्यापारी नीरव मोदी एवं अन्य के 12700 करोड़ रुपए के घोटाले और उसके बाद देश से भाग जाने के बाद सरकार ने आर्थिक अपराधियों को निशाने पर लेने संबंधी विधेयक को मंजूरी दी है. इस विधेयक में फरार आर्थिक अपराधियों एवं ऋण चूककर्ताओं की संपत्तियों को कुर्क करने का प्रावधान है.
तीन सांसदों का स्थगन प्रस्ताव
समाजवादी पार्टी (सपा) के नरेश अग्रवाल ने उच्च सदन (राज्यसभा) में पीएनबी घोटाले के लिए राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है. जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव ने एसएससी परीक्षा घोटाला के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है. भाकपा नेता डी राजा ने भी राज्यसभा में पीएनबी घोटाले के ऊपर स्थगन प्रस्ताव दिया है.
विपक्ष इस बात का प्रयास करेगा कि धोखाधड़ी के लिए सरकार को घेरा जाए और उस पर हमला तेज किया जाए. विपक्ष इस बात को विशेष तौर पर उठायेगा कि नीरव मोदी से पहले शराब व्यवसायी विजय माल्या भी सार्वजनिक बैंकों से करोड़ों रुपए का ऋण लेकर देश से चम्पत हो गया.
पक्ष एवं विपक्ष में टकराव के आसार
भाजपा दावा कर चुकी है कि पीएनबी घोटाला उस समय शुरू हुआ जब संप्रग सत्ता में थी और उसकी सरकार ने तत्परता से कार्रवाई की जिसके चलते धोखाधड़ी सामने आयी. इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच संसद में टकराव होने के आसार हैं. बहरहाल, भाजपा इस बात के काफी उत्साहित है कि त्रिपुरा में उसकी शानदार जीत हुई है और नगालैंड एवं मेघालय में उसका बेहतरीन प्रदर्शन रहा जबकि कांग्रेस को बड़ी पराजय झेलनी पड़ी. पार्टी सूत्रों ने बताया कि सत्तारूढ़ दल इस बार संसद में सक्रिय मुद्रा में रह सकता है और कांग्रेस नीत सरकारों के शासनकाल में हुए घोटालों को उठा सकता है.
तीन तलाक विधेयक को पास कराने पर जोर
तीन तलाक विधेयक भी, जिसमें एक बार में तीन तलाक कहने वाले पति को जेल की सजा का प्रावधान है, विवाद का एक विषय बना हुआ है. भाजपा पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह इस विधेयक को संसद की मंजूरी दिलवायेगी जबकि कांग्रेस एवं वाम सहित अन्य दल इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं. ओबीसी आयोग को संवैधानिक निकाय का दर्जा दिलवाने वाले विधेयक को संसद की मंजूरी दिलवाना भी सरकार की प्राथमिकता में रहेगा. सरकार आम बजट को भी इसी सत्र के दौरान मंजूरी दिलवाएगी.
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