PNB महाघोटाला : गीतांजलि ग्रुप के VP विपुल चैतालिया को CBI ने हिरासत में लिया.

PNB महाघोटाला : गीतांजलि ग्रुप के VP विपुल चैतालिया को CBI ने हिरासत में लिया.नईदिल्ली/मुंबई: हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की तरफ से पीएनबी को 12,600 करोड़ रुपये का चूना लगाए जाने के बाद जांच एजेंसियां तेजी से कार्रवाई कर रही हैं. पीएनबी महाघोटाले में सीबीआई ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए गीतांजलि ग्रुप के वाइस प्रेजिडेंट (ऑपरेशंस) विपुल चैतालिया को मुंबई एयरपोर्ट से हिरासत में लिया है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार चैतालिया को फिलहाल पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है.

जनरल मैनेजर-ट्रेजरी एसके चंद से भी पूछताछ
इससे पहले सोमवार को सीबीआई ने पीएनबी से जुड़े फ्रॉड के मामले में बैंक के जनरल मैनेजर-ट्रेजरी एसके चंद से भी पूछताछ की. साथ ही चार आरोपियों मनीष के बोसमिया, मितेन अनिल पंड्या, संजय रंभिया और सम्पत एंड मेहता को स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 17 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया था. इन चारों को सीबीआई ने रविवार को गिरफ्तार किया था.

सीबीआई अधिकारियों ने बताया था कि नीरव मोदी के स्वामित्व वाली फायरस्टार्टर इंटरनेशनल लिमिटेड के तत्कालीन एजीएम (ऑपरेशन) मनीष के बोसमिया और तत्कालीन वित्त प्रबंधक मितेन अनिल पंड्या को पंजाब नेशनल बैंक को फर्जी तरीके से लेटर्स आफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) के लिए जमा किये गए आवेदन तैयार करने में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया है.

मेहुल चोकसी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए ईडी ने गुरुवार को उसकी कंपनी की 1217.20 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कर दी थी. ईडी ने गुरुवार को चोकसी की 41 संपत्तियों को कुर्क किया था. इनमें मुंबई में 15 फ्लैट और 17 ऑफिस हैं. इसके अलावा आंध्र प्रदेश सेज में मैसर्स हैदराबाद जेम्स, कोलकाता में एक शॉपिंग मॉल, अली बाग में फॉर्म हाउस और महाराष्ट्र व तमिलनाडु में 231 एकड़ जमीन शामिल है.

जांच में सहयोग मुमकिन नहीं
मेहुल चोकसी की संपत्तियों को कुर्क किए जाने से एक दिन पहले (28 फरवरी) नीरव मोदी ने सीबीआई को एक ई-मेल किया था. इस ई-मेल में नीरव ने लिखा था कि उसका विदेश में भी बिजनेस है, इसलिए उसका जांच में सहयोग दे पाना मुमकिन नहीं है. सीबीआई ने आधिकारिक मेल से नीरव मोदी को एक ई-मेल किया था जिसमें जांच एजेंसी ने इनवेस्टीगेशन में सहयोग करने के बारे में लिखा था. इसके बाद सीबीआई को ई-मेल के माध्यम से नीरव मोदी ने जांच में सहयोग करने के लिए असमर्थता जताई थी.

Bureau Report

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