नईदिल्ली: दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल ने भारतीय रिजर्व बैंक से दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड में हुई कथित गड़बड़ियों की जांच करने का अनुरोध किया और साथ ही दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को भी मामले की जांच का आदेश दिया. उन्होंने पिछले साल 2017 में 16 अक्तूबर को जांच के लिए यह मामला भ्रष्टाचार विरोधी शाखा (एसीबी) को सौंप दिया था. उपराज्यपाल भवन की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि सीधी भर्ती के जरिए हुई 40 नियुक्तियां पहले ही रद्द कर दी गई हैं और उसके बाद सहकारी बैंक के 62 कर्मचारियों की पदोन्नति रद्द कर दी गई है. इस मामले में कई प्राथमिकियां भी दर्ज की गई हैं.
यह मामला 2013 में सामने आया था जब सहकारी सोसाइटी के रजिस्ट्रार और रिजर्व बैंक के पास शिकायतें दायर की गई, जिनमें ऋण संबंधी फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया था.
शीला दीक्षित पर जवाबदेही से बचने का लगा था आरोप
मामले में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली के पूर्व सीएम शीला दीक्षित पर जवाबदेही से बचने का आरोप लगाया था और कहा था कि सरकारी ऑफिसर कांग्रेस के नेताओं और दोषियों को बचा रहे हैं.
फर्जी तरीके से हुई थी नियुक्ति
AAP के नेताओं ने कहा था कि बोर्ड के डायरेक्टर बनाने के लिए नागरिक सहकारी बैंक की सदस्यता को लेकर बड़ा घोटाला किया गया और फर्जी सदस्या बनाए गए. मेम्बर बनाए गए. साल 2012 में दिल्ली के इस बैंक में 40 लोगों की नियुक्तियां रद्द कर दी गई और योजनाबद्ध तरीके से विशेष 62 लोगों को नियुक्त किया गया, जिसमें कानून और प्रक्रिया की अनदेखी की गई.
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