पटना: बिहार के आरा में हुए पत्रकार हत्याकांड को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और राज्य पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है. मीडिया में आई खबरों पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने कहा कि 25 मार्च को हुई घटना पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है.
बताया जाता है कि आरोपियों की पत्रकारों से कथित तौर पर बहस हुई थी, जिसमें उन्होंने पत्रकारों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी. इसके कुछ समय बाद ही पत्रकारों की बाइक की पूर्व ग्राम प्रधान की एसयूवी से टक्कर हुई और उससे कुचल कर दोनों की मौत हो गई.
‘द इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट’ (आईएफडब्ल्यूजे) ने घटना की निंदा की और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. बता दें कि 25 मार्च को देर शाम स्कॉर्पियो से रौंदकर नवीन और विजय सिंह की हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप लगाते हुए गड़हनी के पूर्व मुखिया और उसके परिजनों पर एफआईआर दर्ज कराया गया था. हत्या के बाद गुस्साए लोगों ने सड़क को जाम कर दिया था.
हत्या के आरोप में पूर्व मुखिया गिरफ्तार
हत्याकांड की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है. सदर डीएसपी के नेतृत्व में एसआईटी जांच करेगी. पटना से सीआईडी की टीम भी आरा भेजी गई थी. एसआईटी ने हत्या के आरोपी गड़हनी के पूर्व मुखिया मोहम्मद हरशु को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं आरोपी के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही है.
हत्या पर सियासत भी जारी है
हत्या के बाद सियासत भी शुरू हो चुकी है. विपक्ष जहां इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बता रही है वहीं, सत्ता पक्ष का दावा है कि आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा. पत्रकार हत्याकांड पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने इसे काफी दुखद घटना बताया. वहीं, राजद ने इस घटना की निंदा की है. पार्टी प्रवक्ता भाई विरेंद्र ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हो रहा हमला निंदनीय है.
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