झुंझुनूं: राजस्थान के झुंझुनु जिले के मलसीसर में शनिवार (31 मार्च) को कुंभाराम लिफ्ट परियोजना बांध के टूटने से आसपास के गांवों में भरे पानी को निकालने के लिये प्रयास रविवार (1 अप्रैल) भी जारी कहा. रातभर जेसीबी की मदद से इस पानी को अलग-अलग रास्तों के जरिए निकालने की कोशिश की जा रही है. उधर, बांध से निकले पानी से जलमग्न हुए सरकारी कार्यालयों से भी अब धीरे-धीरे पानी नीचे उतर रहा है. पानी निकालने के लिए फिलहाल मलसीसर में दो बड़े नाले बनाए गए है. इस बांध को बनाने में करीब 588 करोड़ की लागत आई थी.
कंस्ट्रक्शन कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव रजत मिश्रा विभाग के अभियंताओं के दल के साथ देर रात तक आस पास के गांवो में भरे पानी को निकालने, हालात को सामान्य करने, बांध के टूटने के कारणों का पता लगाने मे जुटे रहे. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप से इस मामले में बातचीत की और निर्माण कार्य में लगी कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने तथा बहे पानी का सदुपयोग करने के निर्देश दिए. देर रात मलसीसर में हुई बैठक के बाद तहसीलदार की ओर से बांध बनाने वाली कम्पनी नागार्जुन कंस्ट्रक्शन (एनसीसी लिमिटेड) के खिलाफ लापरवाही का मामला मलसीसर थाने में दर्ज करवा दिया गया है.
कंपनी पर 2.57 करोड़ रुपए का जुर्माना
जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि बांध के बहे पानी की एवज में कंपनी पर 2.57 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है . इस मामले में दो अधिशासी अभियंता दिलीप तारंग तथा हरपालसिंह नेहरा को निलंबित किया गया तथा एक अधिशासी अभियंता नरसिंह दत्त के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का फैसला लिया गया है. नरसिंह दत्त दो माह पूर्व ही वीआरएस ले चुके है.
जांच के लिए तीन मुख्य अभियंताओं की कमेटी गठित
उन्होंने बताया कि मामलें की जांच के लिए तीन मुख्य अभियंताओं की एक कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी जल्द से जल्द मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी. कमेटी में जयपुर के डी एम जैन, नागौर से महेश करल तथा जयपुर ग्रामीण से सीएन चौहान शामिल है. यादव ने बताया कि बांध निर्माता कंपनी को बांध को फिर से सही कर पानी सप्लाई के लिये तैयार करने के आदेश दिये जा रहे है, ताकि परियोजना से लाभ लेने वालों को ज्यादा दिन इंतजार ना करना पड़े.
मलसीसर बांध टूटने से सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार उजागर : गहलोत
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि झुन्झुनू जिले में कुम्भाराम लिफ्ट परियोजना के मलसीसर बांध के टूटने से राज्य सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गहलोत ने कहा कि बांध निर्माण की जिम्मेदारी जिस निजी कम्पनी के पास थी, उससे गुणवत्तापूर्ण निर्माण करवाना सरकारी मशीनरी का दायित्व था, बावजूद इसके इस तरीके का हादसा होना राज्य सरकार की नीयत पर प्रश्न चिह्न उत्पन्न करता है.
44 हजार मिलियन लीटर पेयजल बर्बाद
उन्होंने एक बयान में कहा कि इस प्रकार के बांध पूरा होने के बाद परीक्षण का प्रोटोकॉल होता है, जिसका पालन नहीं किया गया. जिसके अन्तर्गत बांध की मजबूती जांचने के लिए अलग-अलग ऊंचाई पर पानी भरकर परीक्षण किया जाता है. परीक्षण से पूर्व ही सीएमओ के दबाव में अधिकारियों ने आनन-फानन में 13 दिसम्बर, 2017 को इसका उद्घाटन करा दिया. उन्होंने कहा कि इस जल्दबाजी से बांध के साथ-साथ 44 हजार मिलियन लीटर पेयजल बर्बाद हो गया, जो परियोजना के अन्तर्गत लाभान्वित होने वाले को 45 दिन तक उपलब्ध होता.
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