नईदिल्ली: देशभर में एटीएम बिना नकदी के खाली पड़े हैं. सरकार और आरबीआई तर्क दे रही है कि कैश की किल्लत नहीं है. नोटों की छपाई बढ़ाई जा रही है. आरबीआई ने लॉजिस्टिक्स कारणों से एटीएम खाली होने की बात कही. लेकिन, हकीकत में कुछ ऐसा है जो आम आदमी से छुप रहा है. आज से करीब डेढ़ महीना पहले आंध्र प्रदेश की सरकार ने रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को यह सूचना दी थी कि एटीएम में कैश खत्म हो रहा है. उन्होंने इस तरह के संकट का भी अंदेशा जताया था. आरबीआई को पहले से जानकारी थी कि नकदी संकट हो सकता है. लेकिन, ठोस कदम नहीं उठाए गए.
डेढ़ महीने पहले जताई थी आशंका
फर्स्टपोस्ट में छपी खबर के मुताबिक, कैश क्रंच की जानकारी पहले ही दी गई थी. सूत्रों का कहना है कि आंध्र प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी दिनेश कुमार ने 9 मार्च 2018 को राज्य के कुछ इलाकों में कैश की किल्लत होने की बात बताई थी. आशंका जताई थी कि लगातार सूखते एटीएम से नकदी संकट हो सकता है. केंद्र सरकार ने भी आरबीआई को इस मामले में उपयुक्त कदम उठाने के लिए कहा था.
आरबीआई को लिखी थी चिट्ठी
फर्स्टपोस्ट ने इस मामले में चीफ सेक्रेटरी कुमार से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि आरबीआई, फाइनेंस मिनिस्टर और एसबीआई को लेटर लिखा गया था. आंध्र प्रदेश के कुछ ग्रामीण इलाकों में नकदी की कमी थी. लिहाजा यह दिक्कत खत्म करने के लिए लेटर लिखा था.
आरबीआई ने क्यों नहीं उठाए कदम?
डेढ़ महीना पहले से नकदी संकट की जानकारी होने के बावजूद आरबीआई ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया? मुंबई आरबीआई के एक अधिकारी से इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया है. आरबीआई अधिकारी ने कहा कैश की किल्लत पर सरकार पहले ही अपना बयान जारी कर चुकी है. साथ ही आरबीआई इस वक्त आंध्र प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी के लेटर का जवाब देने की स्थिति में नहीं है.
तेलंगाना ने भी दी थी सूचना
फर्स्टपोस्ट के मुताबिक, तेलंगाना ने भी मार्च में यह चेतावनी दी थी कि कुछ इलाकों में कैश की दिक्कत है. पिछले हफ्ते की शुरुआत में झारखंड से भी इस तरह की सूचना आरबीआई को दी गई. हालांकि, इस संबंध में दोनों राज्यों के चीफ सेक्रेटरी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. पटना के आरबीआई ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले महीने यह आश्वस्त करने के लिए एक लेटर जारी किया गया था कि एटीएम और सभी ब्रांच में पर्याप्त नकदी रहे.
बैंकों को दी गई थी जानकारी
फर्स्टपोस्ट के मुताबिक, नाम जाहिर न करने की शर्त पर आरबीआई के अधिकारी ने बताया, ‘हमें मार्च में यह शिकायत मिली थी कि बिहार-कटिहार और पूर्णिया के एटीएम में पैसा नहीं है. लिहाजा बैंकों को एक निर्देश जारी किया गया था, जिसमें पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराने की बात कही गई थी.’
कहां गए 2000 रुपए के नोट?
ऐसे में सवाल यह है कि 2000 रुपए के नोट कहां जा रहे हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मिनिस्टर शिवराज सिंह चौहान ने इसे साजिश करार दिया है. चौहान ने ऐसे संकेत दिए कि कुछ लोग बड़ी वैल्यू वाले नोटों की जमाखोरी कर रहे हैं. राजस्थान एंटी-टेरर स्कवैड (ATS) ने एक हवाला मामले का भी खुलासा किया था. इस जांच टीम के सीनियर अधिकारी ने कहा कि 2000 रुपए का नोट सिस्टम से गायब होने के पीछे इलीगल नेटवर्क है.
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