नईदिल्ली: इंडियन रेलवे ने हाल ही में यात्रियों से जुर्माना वसूलने की योजना को फिलहाल टाल दिया है, इसके बाद ट्रेन में यात्रा करने वालों को बड़ी राहत मिलना तय है. योजना पर यू-टर्न लेते हुए रेलवे की तरफ से कहा गया कि इसका मकसद यात्रियों के बीच जागरुकता बढ़ाना था. आपको बता दें कि हाल ही में रेलवे ने तय मात्रा से ज्यादा सामान ले जाने पर जुर्माना लगाने की बात कही थी. करीब 30 साल पुराने इस नियम को रेलवे ने सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया था.
छह दिन के लिए शुरू किया था अभियान
रेलवे ने ज्यादा सामान की जांच के लिए 1 जून से छह दिन का अभियान शुरू किया था. रेलवे की तरफ से छह गुना जुर्माना वसूलने के नियम की सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना की गई थी. माना जा रहा है कि चुनाव नजदीक होने और सोशल मीडिया पर आलोचना होने के बाद सरकार ने इस पर यू-टर्न लिया है. रेल मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश बाजपेयी ने बताया कि इस अभियान के माध्यम से लोगों के बीच जागरुकता लाना था कि ज्यादा सामान लेकर चलने से दूसरे यात्रियों को असुविधा होती है. उन्होंने कहा गर्मी में ज्यादा सामान लेकर चलने से दूसरे यात्रियों को परेशानी होती है.
छह गुने जुर्माने का था प्रावधान
इस नियम के तहत यात्रियों को अधिक सामान ले जाने पर निर्धारित राशि से छह गुना अधिक राशि बतौर जुर्माना देने का प्रावधान था. नियमानुसार स्लीपर क्लास और सेकेंड क्लास में आप बिना अतिरिक्त भुगतान किए क्रमश: 40 किलो और 35 किलो सामान तक ले जा सकते हैं. इससे ज्यादा आपको सामान ले जाना है तो आप पार्सल कार्यालय में अतिरिक्त भुगतान कर 80 किलो और 70 किलो सामान तक ले जा सकते हैं. अतिरिक्त सामान को मालगाड़ी में रखा जाता है.
यह था जुर्माना लगाने का गणित
इस नियम के तहत अगर कोई यात्री 80 किलो सामान लेकर 500 किमी की यात्रा करता है तो उसे अतिरिक्त 40 किलो वजन के लिए 109 रुपये का भुगतान करना था. अगर वह इस रकम का भुगतान नहीं करता तो पकड़े जाने पर उसे अतिरिक्त वजन ले जाने के लिए 654 रुपये चुकाने होंगे. इसी तरह फर्स्ट एसी में यात्री 70 किलो वजन लेकर फ्ररी में यात्रा कर सकता है. फर्स्ट एसी में अधिकतम 150 किलो वजन लेकर चला जा सकता है. ऐसे में 70 किलो वजन से ऊपर 80 किलो वजन के लिए यात्री को भुगतान करना होगा. इसी तरह सेकेंड एसी में 50 किलो वजन की निर्धारित सीमा है और आप इसमें अधिकतम 100 किलो वजन लेकर सफर कर सकते हैं.
Bureau Report
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